चंद्रमा के दूर वाले हिस्से से मिट्टी के सैम्पल लाने में चीन ने कामयाबी हासिल कर ली है। चीन का चाग ई 6 मिशन मंगलवार को धरती पर लौट आया है। यह उत्तरी चीन के मंगोलिया वाले हिस्से में लैंड किया।चीन की नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन के डायरेक्टर झांग केजियान ने टीवी पर आकर कहा कि अब में यह घोषणा कर सकता हूं कि चंद्रमा कि सतह से खुदाई करके मिट्टी लाने का चांग ई 6 मिशन अब सफलता पूर्वक पूरा हो चुका है।चीनी राष्ट्रपति शी शिंनफिंग ने वैज्ञानिकों की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि स्पेस और टेक्नोलॉजी में यह सफलता हमारे देश के इस क्षेत्र में वैश्विक शक्ति बनने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।चीन के वैज्ञानिकों को यह उम्मीद है कि मिट्टी के यह सैंपल जो चंद्रमा से आए हैं, इनमें 2.5 मिलियन साल पहले हुए ज्वालामुखी के अवशेष भी होंगे। अगर ऐसा होता है तो यह अवशेष चांद की दोनों ध्रुवों के ज्योग्राफिक अंतर के सवालों के जवाब ढूंढ़ने में मदद कर सकते हैं। चांद से आए मिट्टी के इन नमूनों से चंद्रमा की ज्योग्राफिक हालत के बारे में जांच करके एक दम सही उत्तर मिलने की उम्मीद है।चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के भू विज्ञानी जोंगयू यू ने इनोवेशन मंडे को दिए एक बयान में कहा कि चंद्रमा का निकटतम भाग पृथ्वी से दिखाई देता है और दूर का भाग बाहरी अंतरिक्ष की ओर है। चंद्रमा के दूर वाले हिस्से को पहाड़ों और प्रभाव वाले गड्ढों के लिए जाना जाता है, जो कि धरती के सामने वाले सपाट विस्तार के विपरीत हैं।जोंगयू ने आगे कहा कि हाल ही के वर्षों में, भारत, जापान आदि द्वारा मिशनों की शुरूआत के साथ चंद्रमा की खोज केंद्र में आ गई है। इससे पहले अमेरिका और रूस जैसे देशों ने चंद्रमा के नजदीकी वाले भाग से नमूने एकत्र किए थे। लगभग हर क्षेत्र में अमेरिका के साथ प्रतिस्पर्धा में लगे चीन ने स्पेस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान बनाया है। चीन ने अपना नया स्पेस स्टेशन भी लॉंच किया है जिसमें वह नियमित रूप से अपना दल भेजता है।चांग ई 6 ने 3 मई को धरती से उड़ान भरी थी, अपनी 53 दिन की यात्रा को पूरा करके चांग ई 6 ने मंगलवार को अपनी यात्रा सफलता के साथ पूरा किया।