चरमपंथियों को पनाह देता है कनाडा, 1980 के दशक से है तनातनी;
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भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका को साफ लहजे में बता दिया है कि ‘कनाडा चरमपंथियों को पनाह देता है।’ जयशंकर ने शुक्रवार को बताया कि उन्होंने इस मसले पर अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, दोनों से बात की है।

दरअसल विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से वाशिंगटन में शुक्रवार को मुलाकात की। इससे एक दिन पहले पहले उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से भी मुलाकात की थी।

अमेरिका को भारत का स्पष्ट जवाब

इन मुलाकातों के बाद जब जयशंकर से पूछा गया कि क्या उन्होंने कनाडा विवाद पर अमेरिकी नेताओं से बात की? इस सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, ”हां, मैंने (बात) की।” भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिकी पक्ष ने इस मुद्दे पर अपने आकलन साझा किए और मैंने अमेरिकियों को भारत की चिंताओं के बारे में बताया।

जयशंकर ने शुक्रवार को वाशिंगटन डीसी में एक थिंक टैंक में चर्चा के दौरान एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की। जयशंकर की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है भारत और कनाडा के बीच विवाद गहराता जा रहा है। यह विवाद तब भड़का था जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि जून में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में “भारत सरकार के एजेंट” शामिल थे।

अगर सबूत हैं तो सबूत दो- जयशंकर

जयशंकर ने आगे कहा, “कनाडाई प्रधानमंत्री ने पहले निजी तौर पर और फिर सार्वजनिक रूप से कुछ आरोप लगाए। उनके निजी और सार्वजनिक, दोनों आरोपों पर हमारी प्रतिक्रिया वही थी- वह जो आरोप लगा रहे थे वे हमारी नीति के अनुरूप नहीं थे। और अगर उनके पास (कोई सबूत) था या उनकी सरकार के पास कुछ प्रासंगिक और ठोस (सबूत) था जिसे वे चाहते थे कि हम देखें, तो हम उस पर विचार करने के लिए तैयार हैं। अब, इस समय वह बातचीत यहीं (पर रुकी) है।”

जयशंकर ने कहा, “लेकिन उस बातचीत को समझने के लिए, आपको यह भी समझना होगा कि यह कनाडा के साथ कई वर्षों से, असल में 1980 के दशक से ही, बड़े टकराव का मुद्दा रहा है। फिर यह सुप्त हो गया। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, यह फिर से चलन में आ गया है। हम मानते हैं कि कनाडा आतंकवादियों और चरमपंथी लोगों के प्रति उदार रवैया अपनाता है जो खुले तौर पर हिंसा की वकालत करते हैं। कनाडा की राजनीतिक मजबूरियों के कारण उन्हें वहां खुली छूट दी गई है।”

‘हमारे राजनायिकों को खतरा, इसलिए रोकी वीजा प्रक्रिया’

उन्होंने कहा, “अमेरिकियों के लिए, कनाडा बहुत अलग दिखता है। लेकिन भारत के लिए, कनाडा एक ऐसा देश है जहां भारत से संगठित अपराध, लोगों की तस्करी, अलगाववाद, हिंसा, आतंकवाद पनप रहा है। इन्हें वहां सक्रिय स्थान मिला है। इसलिए कनाडा के साथ हमारे बहुत सारे तनाव, काफी पहले से थे। आज मैं ऐसी स्थिति में हूं जहां मेरे राजनयिक कनाडा में दूतावास या वाणिज्य दूतावास में जाने में असुरक्षित हैं। उन्हें सार्वजनिक रूप से डराया-धमकाया जाता है। असल में इसी के चलते हम कनाडा में वीजा संचालन को निलंबित करने के लिए मजबूर हुए।” जयशंकर ने कहा, “अक्सर देश बहुत अलग दिखते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप उन्हें कैसे देखते हैं और आपकी रुचियां क्या हैं, लेकिन कनाडा के साथ मेरी यही समस्या है।”

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