चंपाई सोरेन ने राज्यपाल से मिल CM पद से दिया इस्तीफा, हेमंत सोरेन होंगे झारखंड के नए मुख्यमंत्री
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झारखंड में बड़ी राजनीतिक हलचल हुई है। चंपाई सोरेन ने राज्यपाल से मिलकर सीएम पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि हेमंत सोरेन ने नए सीएम पद के लिए अपना दावा भी पेश कर दिया है।

राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा देने के बाद चंपाई सोरेन ने कहा कि ‘मुझे दायित्व मिला। अब हेमंत बाबू आ गए हैं। हमारे गठंबधन ने फिर से निर्णय लिया। हमने और हमारे गठबंधन ने हेमंत सोरेन को फिर से नेता चुना। जिस पद पर मैं था उस पद से मैंने इस्तीफा दे दिया है। जो गठबंधन का निर्णय हुआ। हमने उसी पर काम किया।’

हेमंत सोरेन और चंपाई सोरेन दोनों ही राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद चंपाई सोरेन ने मीडिया से बातचीत में सारी बातें कही। मीडिया से बातचीत में हेमंत सोरेन ने कहा कि ‘हमने सारा काम कर दिया है।’ हालांकि,हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ कब लेंगे, अभी इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि 5 तारीख को हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं।

राज्यपाल राधाकृष्णन आज शाम में ही पडुच्चेरी यात्रा से रांची पहुंचे थे। चंपाई सोरेन के इस्तीफे के बाद हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के पास सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया। सूत्रों के मुताबिक, हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह में ही कई मंत्री भी शपथ लेंगे। राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता ने दावा किया कि वह भी मंत्रीपद की शपथ लेंगे।

झारखंड के 13वें सीएम होंगे हेमंत सोरेन

चंपाई सोरेन ने झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में दो फरवरी को शपथ ली थी। झारखंड में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव भी प्रस्तावित है। बताया जाता है कि इससे पहले गठबंधन के नेताओं और विधायकों ने यहां चंपाई सोरेन के आवास पर एक बैठक के दौरान सर्वसम्मति से हेमंत सोरेन को झामुमो विधायक दल का नेता चुनने का फैसला किया था।

सूत्रों के हवाले से यह भी खबर आई थी कि बैठक में हेमंत सोरेन को एक बार फिर राज्य का मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया था। मुख्यमंत्री के रूप में फिर से शपथ लेने के बाद हेमंत सोरेन झारखंड के 13वें मुख्यमंत्री होंगे। आपको बता दें कि झारखंड मंत्रिपरिषद में 12 मंत्री हो सकते हैं, लेकिन वर्तमान में 10 मंत्री हैं। झारखंड 15 नवंबर 2000 को बिहार से अलग होकर एक पृथक राज्य बना था।

BJP ने सोरेन को घेरा

उच्च न्यायालय द्वारा कथित भूमि घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में जमानत दिए जाने के बाद हेमंत सोरेन को गिरफ्तारी के लगभग पांच महीने बाद 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था। उन्होंने 31 जनवरी को अपनी गिरफ्तारी से पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस बीच, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘झारखंड में चंपई सोरेन युग खत्म हो गया है। परिवारवादी पार्टी में, परिवार के बाहर के लोगों का कोई राजनीतिक भविष्य नहीं है। मैं चाहता हूं कि मुख्यमंत्री भगवान बिरसा मुंडा से प्रेरणा लें और भ्रष्ट हेमंत सोरेन जी के खिलाफ खड़े हो जाएं।’

झारखंड विधानसभा में किस पार्टी के कितने विधायक

देश में हुए लोकसभा चुनाव के बाद, राज्य में झामुमो-नीत गठबंधन के विधायकों की संख्या घटकर 45 रह गई है, जिनमें झामुमो के 27, राजद का एक और कांग्रेस के 17 विधायक शामिल हैं। दरअसल झामुमो के दो विधायक- नलिन सोरेन और जोबा माझी, अब सांसद हैं, जबकि जामा से विधायक सीता सोरेन ने भाजपा के टिकट पर आम चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था। झामुमो ने बिशुनपुर से विधायक चमरा लिंडा और बोरियो से विधायक लोबिन हेम्ब्रम को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, लेकिन उन्होंने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है।

इसी तरह, विधानसभा में भाजपा के विधायकों की संख्या घटकर 24 रह गई है, क्योंकि उसके दो विधायक- ढुलू महतो (बाघमारा) और मनीष जायसवाल (हजारीबाग) ने लोकसभा चुनाव लड़ा था और वे अब सांसद हैं। भाजपा ने चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल होने वाले मांडू सीट से विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को निष्कासित कर दिया है। हालांकि, पटेल ने अभी तक विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया है। झारखंड की 81-सदस्यीय विधानसभा में फिलहाल 76 सदस्य हैं।

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