यूपी खासकर घोसी लोकसभा सीट पर सपा की जीत और सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर के बेटे अरविंद राजभर की हार पर योगी सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों में जुबानी जंग तेज हो गई है। ओपी राजभर का कल एक वीडियो वायरल हुआ था।इसमें राजभर ने पीएम मोदी और सीएम योगी को जनता की तरफ से नकारने की बात बोली थी। इसी को लेकर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने पलटवार करते हुए कहा कि उनके बेटे (अरविंद राजभर) को जो वोट मिला है वो बीजेपी का वोट है। ओपी राजभर से समाज के लोग क्यों दूर गए? इस पर उन्हें विचार करना चाहिए।ओपी राजभर ने बलिया के रसड़ा में आयोजित सुभासपा की बैठक में बेटे अरविंद राजभर की हार का ठिकरा भाजपा पर फोड़ते हुए कहा था कि जनता ने मोदी और योगी को नकार दिया। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि ओपी राजभर के बेटे अरुण राजभर ने वीडियो को फेक बताते हुए कहा था कि यह कट पेस्ट से तैयार किया गया है। इस बीच वाराणसी के सर्किट हाउस में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि ओपी राजभर खुद अपनी विधानसभा नहीं बचा सके थे।घोसी में निर्दल प्रत्याशी लीलावती राजभर को 45 हजार वोट मिला था। जहूराबाद से वह विधायक हैं। वहां से भी एनडीए के प्रत्याशी नीरज शेखर 15 हजार वोटों से हार गए हैं। यह भी नसीहत दी कि खबर में बने रहने के लिए इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। कहा कि ये वक्त ईमानदारी से हार की समीक्षा करने का है। ओपी राजभर को ये भाषा नही बोलना चाहिए जो विरोधी बोल रहे हैं। आज पूरी दुनिया मोदी को बधाई दे रही है। वैसे यह पहला मौका नहीं है जब अनिल राजभर ने ओपी राजभर पर इस तरह से पलटवार किया है। अनिल राजभर इससे पहले भी ओपी राजभर का विरोध कर चुके हैं। हालांकि कहा यह भी जाता है कि ओपी राजभर की एनडीए में वापसी का न केवल अनिल राजभर विरोध कर रहे थे बल्कि यूपी भाजपा इसके खिलाफ थी। ओपी राजभर भी कई बार दिल्ली से अपनी लाइजनिंग की बातें खुलेआम बोल भी चुके हैं।