गुमनाम जिंदगी, दर्दनाक मौत, शोहरत की बुलंदी छूने वाले इन स‍ितारों का हुआ ऐसा हाल
Sharing Is Caring:

‘सबसे ख़तरनाक होता है, हमारे सपनों का मर जाना’ आर्ट डायरेक्टर नितिन देसाई ने भी सपना देखा था, एक स्टूड‍ियो बनाने का, जहां शूट होंगी शानदार फ‍िल्में. लेकिन किसे पता था उस स्टूड‍ियो में नितिन देसाई खुद को ही मार लेंगे.

कर्ज का बोझ उनके सपनों को तोड़ गया. बताया जा रहा है कि नितिन पर 180 करोड़ रुपये का कर्जा था. उनकी प्रॉपर्टी तक गिरवी पड़ी थी. इस बात से परेशान होकर उन्होंने सुसाइड जैसा कदम उठाया.

हालांकि इंडस्ट्री में ऐसे कई लोग हैं, जिन्होंने मुफलिसी में अपने दिन गुजारे हैं. कई सेलेब्स ऐसे रहे हैं, जो बुलंदियों के आसमान तक पहुंच कर सीधा जमीन पर आ गिरे. वो पाई-पाई तक के मोहताज हो गए. बुरा दौर हर किसी के जीवन में आता है, लेकिन कई बार लोग समझदारी से डिसीजन लेकर आगे बढ़ जाते हैं, कई हताश होकर मौत की आगोश में समा जाते हैं, वहीं कुछ की तकदीर चाह कर भी उनका साथ नहीं देती है. आइये आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ सेलेब्स जो कड़ी मेहनत से पैसा और शोहरत कमाने के बावजूद तकलीफ और तंगी के उस दौर से रूबरू हुए.

एके हंगल: ‘इतना सन्नाटा क्यों है भाई…’, अगर आपको शोले फिल्म का ये डायलॉग याद है तो आपको एके हंगल भी याद होंगे. इन्होंने फिल्मों में डेब्यू ही 52 साल की उम्र में किया था. अपने जीवन में लगभग 225 फिल्में की, खूब शोहरत हासिल की. आखिरी दिनों में उन्हें निजी जिंदगी में काफी आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. बढ़ती उम्र के चलते उन्होंने काम करना बंद कर दिया था और वे बीमार रहने लगे थे. उनके पास अपने इलाज तक के पैसे नहीं बचे थे. उनका ध्यान रखने के चक्कर में बेटे का भी काम बंद हो गया था. बताया जाता है कि अमिताभ बच्चन ने उनकी 20 लाख रुपयों की मदद की थी.

एके हंगल

भगवान दादा: फिल्मों में पहली बार बॉडी डबल का प्रयोग भगवान दादा की वजह से ही हुआ था. ये वही एक्टर हैं जिनके एक थप्पड़ ने ललिता पवार का चेहरा बिगाड़ दिया था. सेट पर शूटिंग के लिए असली नोटों की बारिश करवाने वाले एक्टर भी यही थे. राज कपूर उन्हें इंडियन सिनेमा का माइकल डगलस कहा करते थे. कपड़ा मील में काम करने वाले भगवान दादा ने अपनी कड़ी मेहनत से शोहरत कमाई, करोड़ों की प्रॉपर्टी बनाई. लेकिन जुहू में समुद्र किनारे वाले करोड़ों के बंगले से लेकर 7 लग्जरी कार के मालिक भगवान दादा का आखिरी वक्त में चॉल में कटा. क्योंकि एक्टर-डायरेक्टर रहे भगवान ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए बंगला-कार-प्रॉपर्टी सब गिरवी रख दिया था. ना फिल्म बन पाई ना ही उनकी किस्मत ने फिर पलटी मारी. भगवान दादा शराब के आदि हो गए, और हार्ट अटैक से उनकी जान चली गई.

भगवान दादा

विमी: एक्ट्रेस विमी को शोबिज की दुनिया में खूब शोहरत मिली, लेकिन उनकी निजी जिंदगी ऐसे बदतर हालात में गुजरी, जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है. एक्ट्रेस ने पति को छोड़कर जिसके साथ जिंदगी बिताना चाहा, उसी शख्स ने उन्हें शराब की लत लगा दी और प्रॉस्टिट्यूशन की तरफ धकेल दिया. फिल्मी करियर 10 साल में बर्बाद हो गया, तो विमी तंगहाली में अकेले जिंदगी काटने को मजबूर हो गईं. लगातार 3 सुपरहिट फिल्मों के बाद विमी की सभी फिल्में फ्लॉप गईं. इसके बाद उन्हें काम मिलना बंद हो गया. विमी का बिजनेस तक डूब गया. आखिरी वक्त में उनकी वो हालत थी कि उन्हें देखने वाला कोई ना था. 34 साल की उम्र में विमी कई दिनों तक अस्पताल के जनरल वॉर्ड में भर्ती रहीं. जब मौत हुई तो न कोई श्मशान घाट पहुंचाने वाला था और न कंधा देने वाला. विमी की बॉडी को चायवाले के ठेले में रखकर श्मशान घाट पहुंचाया गया था.

विमी

भारत भूषण: 60 रुपये महीना से कमाई की शुरुआत करने वाले एक्टर भारत भूषण एक वक्त पर कर्ज में डूब गए. शुरुआत में उन्होंने भाईचारा, सावन, जन्माष्टमी, बैजू बावरा, मिर्जा गालिब जैसी कई फिल्मों में काम किया. ये वो दौर था, जब किस्मत भारत भूषण पर मेहरबान थी. देखते ही देखते उन्होंने मुंबई में न सिर्फ कई बंगले खरीद लिए बल्कि महंगी-महंगी कारें भी खरीद लीं. इसके बाद वो फिल्में प्रोड्यूस करने लगे. पहली दो फिल्में सुपरहिट हुई लेकिन बाद में लगातार फ्लॉप फिल्मों के दौर ने उन्हें कंगाली के रास्ते पर ला दिया. भारत कर्ज में डूब गए और पाई-पाई को मोहताज हो गए. 10 अक्टूबर, 1992 को 72 साल की उम्र में तंगहाली से जूझते-जूझते भारत भूषण दुनिया छोड़कर चले गए.

भारत भूषण

राज किरण: बुलंदी, घर हो तो ऐसा, कर्ज जैसी नामचीन फिल्मों में काम कर चुके राज शोबिज की दुनिया से ऐसे गायब हुए कि कोई नहीं जान पाया उनके साथ असल में हुआ क्या. राज ने अपने करियर में 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. रिपोर्ट्स की मानें तो एक्टर से उनके परिवार ने धोखे से उनकी सारी संपत्ति हड़प ली और उन्हें सड़कों पर छोड़ दिया. राज ये सब बर्दाश्त नहीं कर पाए और वो मेंटल ट्रॉमा के शिकार हो गए. एक्ट्रेस दीप्ति नवल की मानें तो उन्होंने राज को अमेरिका में टैक्सी चलाते देखा था. वही 2011 में ऋषि कपूर ने उन्हें अमेरिका के मेंडल असाइलम में पाया था, लेकिन राज की फैमिली ने इस सभी बातों से इनकार किया.

राज किरण

सतीश कॉल: महाभारत शो में इंद्र देव का रोल करने वाले सतीश की जिंदगी भी बेहद दर्दभरी रही. वो पंजाबी सिनेमा के स्टार थे, उन्होंने लगभग 300 फिल्मों में काम किया था. हालांकि उनका निधन कोरोना से हुआ था, लेकिन आखिरी समय में वो वृद्धा आश्रम में रहने को मजबूर हो गए थे. वो लंबे वक्त से आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे. उनके पास दवाई और इलाज तक के लिए भी पैसे नहीं थे. उनके परिवार वालों ने आरोप लगाया था कि इंडस्ट्री के लोगों की तर से उन्हें कुछ खास मदद नहीं मिली.

सतीश कॉल

मिताली शर्मा: 2016 में ये शॉकिंग खबर सामने आई थी, जब ओशीवाड़ा पुलिस एक महिला को चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया. पहचान की गई तो वो कोई और नहीं बल्कि रिजनल सिनेमा की हीरोइन मिताली निकलीं. एक समय की स्टार रही मिताली की हालत ऐसी हो गई थी कि वो भीख मांगने तक को मजबूर हो गईं. मिताली को एक्टर बनना था, जिस वजह से उनके मां-पिता ने उन्हें घर से निकाल दिया था. एक्ट्रेस को भोजपुरी फिल्मों में काम मिला, कुछ एड फिल्म किए, लेकिन फिर बेरोजगारी और गरीबी ने उन्हें घेर लिया. जिस वक्त पुलिस को मिली थीं, उन्होंने दो दिन से कुछ नहीं खाया था.

मिताली शर्मा

महेश आनंद: 80 से 90 के दशक के पॉपुलर विलन महेश आनंद की स्थिति इतनी खराब हो गई थी कि वो अपने फ्लैट में तीन दिन से मृत पड़े थे, लेकिन किसी को कानों कान खबर नहीं लग पाई थी. वो लगभग 18 सालों से वह गरीबी में जी रहे थे. उन्होंने काफी लंबा वक्त अकेलेपन में बिताया. महेश इस तन्हाई की वजह से ही बेहद परेशान भी रहते थे. उन्होंने खुद अपने फेसबुक पोस्ट में सच्चाई बताई थी. महेश ने 13 मार्च, 2017 को अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था – मुझे मेरे दोस्त और हर कोई शराबी कहते हैं. मेरा कोई परिवार नहीं है. मेरे सौतेले भाई ने मेरे साथ 6 करोड़ का धोखा किया है. मैंने 300 ज्यादा फिल्मों की हैं, लेकिन मेरे पास पीने का पानी खरीदने तक के पैसे नहीं हैं. इस दुनिया में मेरा एक भी दोस्त नहीं है, ये बेहद दुखद है.

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version