योगी आदित्यनाथ सरकार यूपी में गायों की गणना कराने जा रही है। यह गणना तीन कैटेगरी में होगी। पशुपालकों के पास बेसहारा पशुओं, कान्हा उपवन और सड़कों पर छोड़ गए पशुओं की गिनती की जाएगी।
यह गिनती यूपी में गोवंश को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के मकसद से की जा रही है। गाय गणना के लिए आदेश जारी किए जा चुके हैं।
एएनआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक जल्द ही प्रदेश में गाय गणना का काम शुरू हो जाएगा। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि योगी सरकार पहले ही पशुपालन को बढ़ावा देने और पशपालकों का हौसला बढ़ाने के मकसद से कई योजनाएं चला रही है। सरकार बेसहारा मवेशियों की देखभाल और प्रबंधन को लेकर गंभीर है और इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में तीन प्राथमिकता श्रेणियों में गाय गणना के आदेश दिए गए हैं। प्राथमिकता के आधार पर ये गिनती की जाएगी। इसके बाद छुट्टा मवेशियों की जियो टैगिंग की प्रक्रिया भी अमल में लाई जाएगी।
बताया जा रहा है कि पहले चरण में ऐसी गायों की गिनती की जाएगी। अगले चरण में ऐसी गायों से सम्बन्धित एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करके उसे लागू किया जाएगा। कोशिश होगी कि ऐसी गायों को उपयुक्त आश्रय प्रदान किया जाए। सरकार कान्हा उपवन के जरिए से पशु संरक्षण के लिए लगातार प्रयास कर रही है। वहीं इससे आम लोगों और किसानों को असुविधा से बचाया जा सकेगा। इसके साथ ही सड़कों पर घूमने वाली गायों की सुरक्षा पर भी उतना ही ध्यान दिया जाएगा।
सरकार का कहना है कि निराश्रित गोवंश के संरक्षण की दिशा में किए निरंतर प्रयासों के संतोषजनक परिणाम मिले हैं। वर्तमान में 6,889 निराश्रित पशु प्रजनन स्थलों में, 11.89 लाख गायें संरक्षित हैं। गौ संरक्षण के लिए चलायी गयी मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के भी अच्छे नतीजे आए हैं। योजना के तहत अब तक 1.85 लाख से ज्यादा गायें गौ सेवकों को सौंपी जा चुकी हैं।
निराश्रित पशु प्रजनन स्थलों और गायों की सेवा करने वाले सभी परिवारों को उनके भरण-पोषण के लिए दी जाने वाली राशि में हाल ही इजाफा किया गया है। इसे 30 रुपये प्रति गाय से बढ़ाकर 50 रुपये प्रति गाय कर दिया गया है।