इजरायल और हमास के बीच सात अक्टूबर से जंग अब तक जारी है। हजारों की संख्या में गाजा पट्टी में रहने वाले लोग मारे जा चुके हैं। इजरायल दिनों-दिन जंग को और भीषण कर रहा है।
अब हमास ने दावा किया है कि गाजा पट्टी पर उसके द्वारा बंधक बनाए गए लगभग 50 इजरायलियों की हमलों में जान जा चुकी है। ये मौतें तब से हुई हैं, जबसे इजरायल ने गाजा पट्टी पर हमला करना शुरू किया है।
हमास ने अपने टेलीग्राम चैनल पर जारी एक बयान में कहा, “(एज़ेदीन) अल-कासम ब्रिगेड का अनुमान है कि जायोनी हमलों और नरसंहारों के परिणामस्वरूप गाजा पट्टी में मारे गए कैदियों की संख्या लगभग 50 तक पहुंच गई है।” बता दें कि सात अक्टूबर को हमास के आतंकियों ने अचानक से इजरायल पर धावा बोल दिया था। जमीन, समुद्र आदि के रास्ते हुए इन हमलों में बड़ी संख्या में इजरायली लोगों की जान चली गई थी। 200 लोगों को हमास आतंकियों ने बंधक भी बना लिया था।
वहीं, इजरायल ने इसके बाद पलटवार करते हुए गाजा पट्टी पर जमकर हमला किया। ये हमले अब तक जारी हैं। पहले हवाई हमलों के जरिए निशाना बनाने के बाद अब इजरायली सैनिकों और टैंकों ने गुरुवार को उत्तरी गाजा में कुछ देर तक जमीनी हमला भी किया। इजरायली सेना ने बताया कि दो सप्ताह से अधिक समय के हवाई हमलों के बाद संभावित जमीनी आक्रमण के मद्देनजर ”युद्धक्षेत्र तैयार” करने के लिए कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह हमला ऐसे वक्त किया गया जब संयुक्त राष्ट्र ने आगाह किया है कि गाजा पट्टी में ईंधन खत्म होने के कगार पर है जिससे उसे क्षेत्र में राहत प्रयास रोकने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
इस महीने की शुरुआत में दक्षिणी इजरायल में हमास के हमले के बाद गाजा में भीषण घेराबंदी की गई है जहां भोजन, पानी तथा दवाएं खत्म हो रही हैं। दशकों से चले आ रहे इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष में गाजा में मरने वालों की बढ़ती संख्या अभूतपूर्व है। हमास शासित गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि संघर्ष में 7,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं, हालांकि इस आंकड़े का स्वतंत्र रूप से सत्यापन नहीं किया जा सका है। यदि इजरायल हमास को खत्म करने के उद्देश्य से जमीनी आक्रमण शुरू करता है, तो इससे भी अधिक जानमाल का नुकसान हो सकता है। गाजा पर 2007 से हमास का शासन है और चार बार इजरायल से इसका युद्ध हो चुका है। दक्षिणी शहर खान यूनिस में इजरायली हवाई हमलों में आठ से अधिक घर नष्ट हो गए, जिसमें कम से कम 15 लोग मारे गए। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, साल 2014 के युद्ध से तुलना करें तो छह दिन तक चली उस जंग में 2,251 फिलिस्तीनी मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर आम लोग थे।