गाजा अब पूरी तरह अंधेरे में डूबा, बिजली संयंत्र का ईंधन खत्म
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इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध के बीच गाजा पट्टी अब पूरी तरह अंधेरे में डूब गया है। गाजा के ऊर्जा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि उसके एकमात्र बिजली संयंत्र में ईंधन खत्म हो गया है।

उन्होंने कहा कि इजरायल की नाकेबंदी की वजह से आपूर्ति नहीं होने के चलते संयंत्र बंद कर दिया गया है। फिलहाल इस क्षेत्र में बिजली मुहैया कराने के लिए केवल जनरेटर ही बचे हैं। हालांकि, जनरेटर्स के लिए फ्यूल कब तक उपलब्ध रहेगा, इसे लेकर भी कुछ कहा नहीं जा सकता है। ऐसे में गाजा के ऊपर बिजली का संकट और ज्यादा गहराता जा रहा है।

गौरतलब है कि इजरायल ने हमास के शासन वाले गाजा पट्टी जाने वाली ईंधन खेप को रोकने का फैसला किया है। इजरायल ने गाजा की पूर्ण घेराबंदी का ऐलान किया है, जिसके तरह इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। युद्ध में पिस रहे आम लोगों की मदद के लिए मानवाधिकार समूह परेशानी का सामना कर रहे हैं। साथ ही उन्हें इस समय सहायता अभियान चलाने के दौरान अपनी सुरक्षा की भी चिंता सता रही है। गाजा की नाकाबंदी बढ़ने से उनके प्रयासों में और भी मुश्किलें पैदा हो गई हैं। ये लोग जरूरतमंदों तक आसानी से पहुंच नहीं पा रहे हैं।

भोजन, ईंधन और अन्य सामान की आपूर्ति पर रोग
गाजा में शासित चरमपंथी समूह हमास ने शनिवार को इजराइल पर अचानक और भीषण हमले किए, जिसके बाद इजराइल ने गाजा में हवाई हमले किए। साथ ही इजरायल ने गाजा में भोजन, ईंधन और अन्य सामान की आपूर्ति पर रोग लगा दी। इजराइल के इस कदम ने संयुक्त राष्ट्र और 23 लाख की आबादी वाले गाजा में सक्रिय सहायता समूहों के बीच चिंता बढ़ा दी। अब भी गाजा में काम कर रहे ‘डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ क्षेत्र में पहले से ही मौजूद आपूर्ति पर निर्भर है क्योंकि नाकाबंदी के चलते नई आपूर्ति पर रोक लगा दी गई है। समूह ने कहा कि उसने गाजा शहर के उत्तर में स्थित जबालिया शरणार्थी शिविर पर हवाई हमले के बाद 50 से अधिक लोगों का इलाज किया है।

युद्ध ने गाजा में लोगों को भोजन और पानी जैसी चीजें प्रदान करने वाले ‘मर्सी कॉर्प्स’ नामक समूह के कामकाज में भी गहरा व्यवधान डाला है। संगठन के मध्य पूर्व क्षेत्रीय निदेशक अरनॉड क्वेमिन यह जानकारी दी। क्वेमिन ने कहा, ‘इस समय जिस तरह से चीजें हो रही हैं उससे हम बहुत चिंतित हैं क्योंकि ऐसा लग रहा है कि यह बहुत जल्द और खराब होने वाला है। गाजा को सील करने से मानवीय जरूरतें बहुत तेजी से पैदा होंगी।’ लड़ाई तेज होते देख यूरोपीय यूनियन ने सोमवार देर रात अपनी पुरानी घोषणा वापस ले ली, जिसमें कहा गया था कि वह फिलिस्तीनी अधिकारियों के लिए सहायता को तुरंत निलंबित कर रहा है।

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