गहराता जा रहा है जल संकट पर विवाद, चुनाव आयोग ने आतिशी और मान को बुलाया
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यमुना में बढ़ते अमोनिया के स्तर को लेकर अब जल विवाद और बढ़ता जा रहा है। आम आदमी पार्टी ने भाजपा और केंद्र सरकार के साथ-साथ हरियाणा सरकार पर भी साजिशन अमोनिया का पानी यमुना नदी में छोड़ने का आरोप लगाया है। वहीं हरियाणा सरकार ने भी इसे चुनावी स्टंट करार देते हुए केजरीवाल के खिलाफ गलत बयानी पर मानहानि का दावा करने की बात की है।इस मुद्दे को लेकर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा था और उनसे मिलने का समय मांगा था। जिस पर उन्हें 28 जनवरी मंगलवार को शाम 4 बजे का समय दिया गया है। आतिशी के मुताबिक हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश के समय यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर सामान्य से 6 गुना अधिक बना हुआ है। ऐसे स्तर मानव शरीर के लिए बेहद विषैले होते हैं। इस पानी को ट्रीट करके दिल्ली के लोगों को सप्लाई नहीं किया जा सकता। अन्यथा उनकी जान खतरे में पड़ जाएगी।
आतिशी के मुताबिक इस जहरीले पानी को दिल्ली में आने से रोकने के लिए एक बार फिर चुनाव आयोग को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। आतिशी की चिट्ठी पर अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि आज 4 बजे चुनाव आयोग ने मिलने का समय दिया है। आतिशी और मान को मिलने के लिए बुलाया है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों ने ये कन्फर्म किया है कि दिल्ली के अंदर जो पानी आ रहा है उसमें अमोनिया नाम का जहर मिक्स आ रहा है। इसी मुद्दे पर आज 4 बजे भगवंत मान और आतिशी को चुनाव आयोग ने मिलने का टाइम दिया है।अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मेरे को डरा रहे हैं कि केस कर देंगे। कोई कसर छोड़ रखी है तुम लोगों ने, जेल भेज दिया अब क्या फांसी पर चढ़ाओगे? उन्होंने कहा कि क्या तुम जनता को मारना चाहते हो, दिल्ली की जनता को तुम जहर का पानी पिलाओगे और केजरीवाल आवाज उठाएगा तो डराओगे। लेकिन मैं दिल्ली की जनता को मरने नहीं दूंगा। मैं जहर का पानी नहीं पिलाऊंगा।उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री से कहा कि सैनी साहब अपनी पार्टी को समझाओं कि पानी पिलाने का पुण्य होता है। वहीं चुनाव आयोग को लिखे अपने पत्र में आतिशी ने कहा है कि दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ के नोट में सूचीबद्ध तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि डीजेबी जल उपचार संयंत्र केवल 1 पीपीएम स्तर तक अमोनिया के उपचार के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
नोट इस तथ्य की ओर भी इशारा करता है कि हरियाणा से यमुना नदी के माध्यम से दिल्ली आने वाले पानी में हरियाणा से अनुपचारित सीवेज या औद्योगिक अपशिष्ट के मिश्रण के कारण अमोनिया का स्तर लगातार बढ़ गया है, पिछले दो दिनों में स्तर 7 पीपीएम से अधिक यानी 700 तक बढ़ गया है जो ट्रीटमेंट करने लायक नहीं है।उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि हरियाणा से आने वाले पानी में अमोनिया के इन जहरीले स्तरों ने दिल्ली के जल उपचार संयंत्रों को प्रभावी ढंग से पानी का उपचार करने में लगभग असमर्थ बना दिया है, जिसके परिणामस्वरूप दिल्ली के लगभग 34 लाख लोगों के लिए पानी की आपूर्ति में 15 से 20 प्रतिशत की कटौती हो गई है। पीने के पानी में अमोनिया का उच्च स्तर स्वास्थ्य संकट का कारण बन सकता है, जिससे गुर्दे की क्षति, श्वसन संकट और यहां तक कि दीर्घकालिक अंग क्षति जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
उन्होंने लिखा है कि कच्चे पानी की आपूर्ति में अमोनिया छोड़ने के जहरीले प्रभावों को जानने के बावजूद, दिल्ली जल बोर्ड के सीईओ के नोट में कोई संदेह नहीं है कि यह हरियाणा से अनुपचारित सीवेज और औद्योगिक कचरे के अंधाधुंध और जानबूझकर डंपिंग के कारण है जो वर्तमान जल आपूर्ति संकट का कारण बन रहा है।

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