गणतंत्र दिवस में हिस्सा लेने आए कैडेट्स से पीएम मोदी ने की बात, युवाओं को दी प्रेरणा
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दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए यहां आए नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के कैडेट्स से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संवाद किया। उन्होंने युवाओं को प्रेरित किया और कई मुद्दों पर उनसे बात की।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बातचीत में युवाओं से उनकी जिंदगी, उनके संघर्ष, और उनके सपनों के बारे में सुना। एक प्रतिभागी ने पीएम मोदी से कहा, “आज आपको देखकर मेरा सपना पूरा हो गया।” इस पर प्रधानमंत्री ने मुस्कुराते हुए कहा, “हां तो आप सो रही थीं अभी?” प्रतिभागी ने इसका जवाब देते हुए कहा, “नहीं, आपको देखकर लग रहा है कि हम सबसे बड़े हीरो से मिल लिए हैं।”

प्रधानमंत्री ने युवाओं से पूछा कि उन्होंने विभिन्न राज्यों से आकर एक-दूसरे की भाषाओं और संस्कृतियों के बारे में क्या जाना है। एक प्रतिभागी ने बंगाली में “एकतो एकतो भात खावे” (अर्थात चावल खाओ) कहकर पीएम मोदी को हैरान किया।

ओडिशा से आए एक प्रतिभागी ने प्रधानमंत्री मोदी से सफलता के बारे में सवाल किया। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विफलता को स्वीकार नहीं करना चाहिए। विफलता से हमें सीखना चाहिए, तभी हम सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी पूछा कि एनसीसी के दौरान कैडेट्स को क्या कुछ विशेष सीखने को मिला है। एक प्रतिभागी ने बताया कि एनसीसी ने उन्हें समय प्रबंधन और नेतृत्व कौशल सिखाया। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे एनसीसी के कैंप में उन्हें आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा मिली है।

पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन और डिजिटल इंडिया के बारे में भी बात की। एक प्रतिभागी ने पीएम मोदी को बताया कि वह अपने समाज में स्वच्छता और सेवा कार्यों में सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहे हैं। इस पर पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत बनाने के लिए हम सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी और अगर 140 करोड़ लोग यह संकल्प लें कि हम गंदगी नहीं फैलाएंगे, तो देश स्वच्छ हो जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी पूछा कि यदि कोई व्यक्ति भारत के बारे में कुछ जानना चाहता है, तो वह क्या पूछता है। इस पर एक प्रतिभागी ने बताया कि उनके विदेशी दोस्त भारत की संस्कृति, परंपराओं, राजनीति और धर्म के बारे में पूछते हैं। एक और प्रतिभागी ने कहा कि उन्होंने विदेशियों से भारत की विविधताओं और संस्कृति के बारे में बातचीत की है।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर देश के युवाओं को अपनी शक्ति और कर्तव्य का एहसास दिलाया और उन्हें यह समझाया कि आने वाले 25 वर्षों में भारत को विकसित बनाने के लिए हर नागरिक को योगदान देना होगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए विकसित भारत की दिशा में काम करना होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने अंत में सभी से आग्रह किया कि वे अपने माता-पिता और धरती माता के प्रति सम्मान और श्रद्धा व्यक्त करें और पर्यावरण के संरक्षण के लिए एक पौधा लगाएं।

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