स्वयंभू सिख धार्मिक उपदेशक और खालिस्तान समर्थक नेता अमृतपाल सिंह ने नौ साथी बंदियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। इन लोगों ने जेल परिसर के भीतर अपने चुने हुए वकील की पहुंच पर कथित प्रतिबंध को लेकर ये भूख हड़ताल शुरू की है।
जेल के बाहर, अमृतपाल सिंह की पत्नी किरणदीप कौर ने भी अपने पति और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत बंद अन्य बंदियों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, किरणदीप ने बताया कि उनके पति और नौ बंदियों ने उनके वकील राजदेव सिंह को कथित तौर पर जेल में उनसे मिलने से इनकार किए जाने के बाद भूख हड़ताल शुरू कर दी। इससे पहले, 28 सितंबर को, बंदियों ने डिब्रूगढ़ जेल अधीक्षक को एक पत्र लिखकर राजदेव की जेल यात्रा में कथित तौर पर बाधा डालने के लिए अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) के प्रति अपना असंतोष व्यक्त किया था।
हालांकि, डीसी अमित तलवार ने स्पष्ट किया कि बंदी आदेश के अनुसार बंदियों को अपनी पसंद के वकील से मिलने की अनुमति है। उन्होंने कहा कि अमृतपाल पहले ही राजदेव खालसा के बजाय वकील नवकिरण सिंह से मिल चुका है। अब, वह दोबारा राजदेव से मिलने का अनुरोध कर रहा है जबकि नवकिरण को पहले ही मिलने की अनुमति मिल चुकी है।
मार्गदर्शन और स्पष्टीकरण के लिए मामला गृह सचिव को भेजा गया था। जवाब में, किरणदीप ने इस बात पर जोर दिया कि अमृतपाल को अपने वकील के संबंध में निर्णय लेने का अधिकार है, और चूंकि पांच दिनों तक इस मुद्दे का कोई समाधान नहीं हुआ, इसलिए अमृतपाल और उसने अन्य बंदियों के साथ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी थी।