खालिस्तानियों पर भारत का आर्थिक प्रहार, पन्नू के बाद जब्त होगी निज्जर की जालंधर वाली संपत्ति
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खालिस्तानियों पर नकेल कसने के लिए भारत कई सख्त कदम उठा रहा है। शनिवार को राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने प्रतिबंधित संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू की चंडीगढ़ और अमृतसर में अचल संपत्तियां शनिवार को कुर्क कर लीं।

अब अगला निशाना मारे जा चुके खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की संपत्ति पर है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने हाल ही में खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की संपत्ति जब्त करने के लिए एक नोटिस जारी किया था। निज्जर को भारत सरकार ने खालिस्तानी आतंकवादी घोषित किया था। इस साल जून में कनाडा में निज्जर की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद कनाडाई सरकार ने हत्या में भारत की संलिप्तता का आरोप लगाया था। कनाडा के दावे को भारत ने “बेतुका और प्रेरित” कहकर खारिज कर दिया है।

निज्जर का निकटतम परिवार कनाडा में बस गया है, लेकिन उनकी जमीन और घर अभी भी गाँव में हैं। निज्जर मूल रूप से पंजाब के जालंधर जिले के भार सिंहपुरा (फिल्लौर) गाँव का रहने वाला था। लगभग 10 दिन पहले एनआईए की एक टीम निज्जर की संपत्ति के संबंध में मोहाली की विशेष सीबीआई अदालत द्वारा जारी नोटिस की तामील करने के लिए उसके घर पहुंची थी। एनआईए बनाम कमलजीत शर्मा उर्फ कमल और अन्य मामले में दायर नोटिस, आरोपी निज्जर को उसके परिवार के सदस्यों या एजेंटों के माध्यम से भेजा गया था।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नोटिस में निज्जर के रिश्तेदारों को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया है। एक ग्रामीण ने कहा, “परिवार का कोई भी व्यक्ति यहां मौजूद नहीं था। शायद कुछ रिश्तेदार उक्त तारीख पर मोहाली अदालत में पेश हुए होंगे।” सितंबर 2020 में, केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने निज्जर को आतंकवादी घोषित कर दिया, जिसके कारण जालंधर के भार सिंहपुरा गांव में उसकी संपत्ति की कुर्की की सूचना दी गई। नोटिस का लक्ष्य उसके पैतृक गांव में 11 कनाल और 13.5 मरला संपत्ति कुर्क करना है।

ग्राम पंचायत के सदस्य अमरीक सिंह ने कहा कि निज्जर का परिवार बहुत पहले ही पलायन कर गया था, लेकिन उसके माता-पिता अभी भी अक्सर उस जगह पर आते हैं। हालांकि, पिछले वर्ष अपनी अंतिम यात्रा के दौरान निज्जर के माता-पिता और पड़ोसियों के बीच विवाद हो गया, जिसके बाद वे वापस नहीं लौटे। उन्होंने बताया कि करीब 10 दिन पहले एक टीम गांव पहुंची और उसकी संपत्ति जब्त करने का नोटिस चस्पा कर दिया।

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