अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल नहीं होंगे।
कांग्रेस ने इसे आरएसएस और बीजेपी का इवेंट करार दिया है। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं द्वारा कार्यक्रम में न आने पर बीजेपी ने हमला बोलना शुरू कर दिया है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि कांग्रेस ने जो राम मंदिर का आमंत्रण ठुकरा कर अपमान किया है, उसे सनातनी न कभी भूलेंगे और न कभी माफ करेंगे।
यूपी के देवरिया से बीजेपी विधायक शलभमणि त्रिपाठी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया, ”आपने प्रभु राम को फटे टेंट में रखा हमने बर्दाश्त कर लिया, आपने भगवान राम को काल्पनिक कहा, हमने फिर भी बर्दाश्त कर लिया, आपने भगवान राम के खिलाफ अदालत में मुकदमा लड़ा, हमने धैर्य रख लिया, आप राम मंदिर की जगह शौचालय बनाने की बात करते रहे, हम खामोशी से यह भी बर्दाश्त करते रहे पर आज आपने राम मंदिर का आमंत्रण ठुकरा जो अपमान किया है, उसे दुनिया के करोड़ों सनातनी न कभी भूलेंगे न कभी माफ करेंगे।”
वहीं, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राम हमारे अस्तित्व, भगवान और प्राण हैं। वे ही भारत की पहचान हैं। राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को अस्वीकार करना भारत की पहचान, संस्कृति को अस्वीकार करना है। यही वजह है कि कांग्रेस कहीं की नहीं रही। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने कहा कि कांग्रेस का राम विरोधी चेहरा देश के सामने प्रस्तुत हो चुका है। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि सोनिया जी के नेतृत्व में जिस पार्टी ने कोर्ट में दस्तावेज दिया कि भगवान राम का कोई अस्तित्व नहीं, उसी पार्टी के नेतृत्व ने पुण्य अयोध्या धाम में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के आमंत्रण को ठुकराया। यह सभी रामभक्तों के लिए यह क्षण धर्म, आस्था और विश्वास की नजर से पुण्य पल है।
वहीं, बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा, ”कांग्रेस की पहले से यही सोच थी, आज भी यही सोच दिखी है। मुझे नहीं लगता कि उनकी यह सोच बदलेगी। लेकिन देश के लोगों ने यह साफ संदेश दिया है कि जैसे रामजी को बसाए हैं, उसी तरह उनके बगल में मोदी जी को भी बसा रहे हैं। पीएम मोदी ने किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। मंदिर देश के पाई-पाई से बना है। भगवान राम बीजेपी, आरएसएस समेत जन-जन के हैं।”
कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने किया समारोह से किनारा
बता दें कि कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल नहीं होंगे, क्योंकि यह भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का आयोजन है तथा ‘अर्द्धनिर्मित मंदिर’ का उद्घाटन चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में यह भी कहा कि भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं तथा धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक ‘राजनीतिक परियोजना’ बना दिया है।
‘चुनावी लाभ के लिए हो रहा मंदिर का उद्घाटन’
आगामी 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए कांग्रेस के तीन प्रमुख नेताओं खरगे, सोनिया और चौधरी को निमंत्रित किया गया था। रमेश ने कहा, ”पिछले महीने, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी एवं लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण मिला।” उन्होंने दावा किया, ”भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं। धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है।” कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया कि एक ‘अर्द्धनिर्मित मंदिर’ का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है। रमेश ने कहा, ”2019 के माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी एवं अधीर रंजन चौधरी भाजपा और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं।”