केंद्र सरकार की योजना है कि कुकिंग गैस सिलेंडर को आने वाले समय में रिप्लेस करके क्षेत्रवार पाइप नैचुरल गैस गैस यानी पीएनजी से बदल दिया जाए.
ये एक ऐसा कदम होगा जो सरकार को कई मायनों में फायदा पहुंचा सकता है.
क्या है सरकार का कदम
सरकार ने पीएनजी इंडस्ट्री के दिग्गजों से कहा है कि वो ऐसे स्थानों की पहचान करें जहां एलपीजी (लिक्विड पैट्रोलियम गैस) के आखिरी तौर पर यूज करने की कोई तारीख (सनसेट टाइमलाइन) तय की जाए. इसके जरिए कई इलाकों में पीएनजी नेटवर्क के जरिए पर्याप्त गैस सप्लाई पहुंचाई जा सके, इसका एक खाका तैयार करने के लिए कहा गया है. मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने ये सूचना दी है.
कैसे पंहुचाएगा सरकार को फायदा
केंद्र सरकार प्रधानमंत्री उज्जवला योजना (PMUY) के जरिए कल्याणकारी सब्सिडी के तौर पर लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) कस्टमर्स के ऊपर 6,100 करोड़ रुपये का खर्च कर रही है. इसके अलावा सरकार को तीन सरकारी ऑयल मार्केट कंपनियों को नुकसान से बचाने के लिए करीब 22,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था करनी पड़ रही है क्योंकि ये पिछले वित्त वर्ष में अंतरराष्ट्रीय कीमतों के आधार पर भी घरेलू गैस कीमतों के दाम नहीं बढ़ा पाईं थीं.
क्यों लिया सरकार ने ये कदम
केंद्र सरकार पीएनजी के प्रसार को बढ़ाना चाहती है और ये कदम इसलिए भी लिया जा रहा है क्योंकि पीएनजी की मांग पिछले साल काफी घट गई थी. पीएनजी के दाम पूरी तरह बाजार कीमतों के आधार पर चलते हैं. हालांकि एलपीजी के दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं पर उन पर सब्सिडी दी जा रही है क्योंकि ये आम तौर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग द्वारा इस्तेमाल में लाई जा रही है.
लंबे समय के लिए सरकार का क्या है प्लान
इसके अलावा मामले की जानकारी रखने वाले एक और जानकार ने बताया कि सरकार ने ऑयल एंड गैस कंपनियों को एलपीजी के यूज से धीरे-धीरे हटने के लिए कहा है जिससे गैस का यूज केवल पाइप्ड नेटवर्क के जरिए हो पाए. ओएमसीज और अन्य ऑयल एंड गैस कंपनियों को घरेलू गैस की खपत के लिए शहरों में केवल पीएनजी के जरिए एलपीजी मुहैया कराने के लिए कहा गया है. अगर ये प्रयोग सफल होता है तो आगे चलकर इसे देश के कई हिस्सों में लागू कराया जा सकता है.