भारतीय जनता पार्टी ने ओडिशा में लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का ऐलान कर दिया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल ने शुक्रवार को एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भाजपा इस बार लोकसभा की सभी 21 सीटों और विधानसभा की सभी 147 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
अब यह सवाल उठने लगा है कि आखिर NDA का 400 से ज्यादा सीटें जीतने का टारगेट कैसे पूरा होगा? दरअसल, बीजेडी को साथ लाकर भाजपा राज्य की सभी सीटों को एनडीए के पाले में लाना चाहती थी। इससे पहले इस तरह की चर्चा हो रही थी कि बीजेपी और बीजू जनता दल (बीजद) के बीच गठबंधन हो सकता है। कहा गया कि इसे लेकर दोनों दलों के बीच लंबे समय से बातचीत चल रही था। हालांकि, अब यह साफ हो गया है कि बीजेपी और बीजेडी के बीच साथ मिलकर चुनाव लड़ने को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।
मनमोहन सामल ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘विगत 10 साल से नवीन पटनायक के नेतृत्व में ओडिशा की बीजेडी पार्टी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के अनेक राष्ट्रीय महत्व के प्रसंगों में समर्थन देती आई है। इसके लिए हम उनका आभार व्यक्त करते हैं। अनुभव में आया है कि देशभर में जहां भी डबल इंजन की सरकार रही है, वहां विकास व गरीब कल्याण के कार्यों में तेजी आई है। साथ ही राज्य हर क्षेत्र में आगे बढ़े हैं।’ उन्होंने कहा कि आज ओडिशा में मोदी सरकार की अनेक कल्याणकारी योजनाएं जमीन पर नहीं पहुंच पा रही हैं, जिससे ओडिशा के गरीब बहनों-भाइयों को उनका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
‘ओडिशा अस्मिता और ओड़िशा गौरव से जुड़ा सवाल’
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि ओडिशा- अस्मिता, ओड़िशा- गौरव और ओडिशा के लोगों के हित से जुड़े अनेकों विषयों पर हमारी चिंताएं हैं। उन्होंने कहा, ‘4.5 करोड़ ओडिशावासियों की आशा, अभिलाषा और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पीएम मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में विकसित भारत और विकसित ओडिशा बनाना है। इसके लिए भारतीय जनता पार्टी इस बार लोकसभा की सभी 21 सीटों और विधानसभा की सभी 147 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।’ इस तरह पोस्ट के जरिए बीजेपी राज्य की बीजद सरकार पर निशाना साधते भी नजर आई है। हालांकि, इससे पहले इस तरह की चर्चा जोरों पर थी कि बीजेपी और बीजेडी के बीच गठबंधन हो सकता है।
भाजपा और बीजद 1998 से 2009 तक रहे साथ
ओडिशा की 21 लोकसभा सीट और 147 सदस्यीय विधानसभा के लिए राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी और मुख्य विपक्षी दल के बीच गठबंधन को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं। इन अटकलों को उस समय और बल मिला था, जब ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के करीबी माने जाने वाले वी.के. पांडियन ने कहा था कि चुनाव जीतने के लिए भाजपा और बीजद को एक-दूसरे की जरूरत नहीं है, लेकिन कुछ चीजें राजनीति से परे होती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नवीन पटनायक बड़े मकसद के लिए एक साथ आना चाहते हैं। मालूम हो कि भाजपा और बीजद 1998 से 2009 तक गठबंधन में रहे। पिछले एक दशक से अधिक समय में भाजपा ने राज्य में कांग्रेस को पूरी तरह खत्म कर दिया और मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी है।