चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को कारण बताओ नोटिस भेजा है। यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बयान देने से जुड़ा है। मालूम हो कि हाल ही में प्रियंका ने एक रैली के दौरान बयान दिया था।
आयोग ने प्रियंका को इस नोटिस का जवाब देने के लिए 16 नवंबर को रात आठ बजे तक का समय दिया है।
चुनाव आयोग ने नोटिस में कहा, ‘आयोग को दिनांक 10.11.2023 (प्रतिलिपि संलग्न) के माध्यम से भारतीय जनता पार्टी से एक शिकायत प्राप्त हुई है, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि मध्य प्रदेश के सांवेर विधानसभा क्षेत्र में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए आपने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबंध में असत्यापित और गलत बयानबाजी की है। जो जनता को गुमराह करने और प्रधानमंत्री की छवि खराब करने की क्षमता रखता है।’
चुनाव आयोग के नोटिस के मुताबिक, भाषण के वीडियो और मध्य प्रदेश के सीबीओ के माध्यम से प्राप्त ट्रांसक्रिप्ट के अनुसार, प्रियंका गांधी ने कहा था, ‘मोदी जी जो यह बीएचईएल था, जिससे हमें रोजगार मिलते थे, जिससे देश आगे बढ़ रहा था, इसका आपने क्या किया, किसको दे दिया, बताएं मोदी जी किसको दे दिया, अपने बड़े-बड़े उद्योगपति मित्रों को क्यों दे दिया। आम तौर पर जनता का मानती है कि वरिष्ठ नेता, वह भी एक राष्ट्रीय पार्टी के स्टार प्रचारक की ओर से दिए गए बयान सच हैं, ऐसे में अपेक्षा की जाती है कि नेता उसकी ओर से दिए गए बयानों की जानकारी हो और उसके पास तथ्यात्मक आधार हो… ताकि मतदाताओं को गुमराह करने की कोई संभावना न रहे।’
इससे पहले निर्वाचन आयोग ने पीएम मोदी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के ‘सोशल मीडिया हैंडल’ पर की गई कथित ‘अपमानजनक’ टिप्पणी के लिए ने मंगलवार को ‘आप’ को कारण बताओ नोटिस जारी किया। आयोग ने आम आदमी पार्टी (आप) को 16 नवंबर तक आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के आरोप का जवाब देने के लिए कहा है। दिल्ली और पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नोटिस जारी किया गया है। भाजपा ने 10 नवंबर को चुनाव आयोग से संपर्क करके पीएम मोदी को निशाना बनाते हुए सोशल मीडिया मंच पर ‘बेहद अस्वीकार्य’ और ‘अनैतिक’ वीडियो क्लिप और टिप्पणियां पोस्ट करने के लिए आप के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।