दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहलवान फिर से धरने पर लौट आए हैं। ये लोग भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध जताने के लिए एकजुट हुए हैं। इनमें बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट समेत कई अन्य पहलवान शामिल हैं।
पहलवानों की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में धरने को लेकर पूरी जानकारी दी गई। पहलवानों ने हुंकार भरी कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिल जाता, तब तक वे यहां से हटने वाले नहीं हैं। चलिए जानते हैं इस मामले से जुड़ी 10 बड़ी बातें…
1. पहलवान सरकार से डब्ल्यूएफआई के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली निगरानी समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं।
2. बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के बीच पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की भी मांग की।
3. इन पहलवानों ने इस साल जनवरी में पहली बार धरना प्रदर्शन कर महासंघ को भंग करने की मांग की थी। हालांकि, बृजभूषण शरण सिंह ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।
4. दिग्गज मुक्केबाज एमएस मेरीकॉम की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यीय निगरानी समिति ने अप्रैल के पहले सप्ताह में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी लेकिन सरकार ने अभी तक इसे सार्वजनिक नहीं किया है।
5. विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश ने सवाल किया, ‘(सरकारी) समिति को अपनी रिपोर्ट पेश करने में कितना समय लगने वाला है। पहले ही तीन महीने हो चुके हैं और हम अब भी उनकी बात सुनने का इंतजार कर रहे हैं। क्या रिपोर्ट तब आएगी जब शिकायत दर्ज कराने वाली लड़कियों की मौत हो जाएगी?’
6. विनेश ने कहा, ‘हम सरकार से इस मामले में निष्कर्ष जारी करने के लिए कह कर थक चुके हैं। हमने कनॉट प्लेस के एक पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की है और चाहते हैं कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो।’
7. उन्होंने कहा, ‘हमारा (डब्ल्यूएफआई) चुनाव प्रक्रिया से कोई लेना-देना नहीं है। हम अपने करियर को लेकर अधिक चिंतित हैं। (पेरिस) ओलंपिक करीब है और हम सही दिशा में तैयारी शुरू करना चाहते हैं।’
8. डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के रूप में 12 साल पूरे कर चुके सिंह ने पुष्टि की है कि वह 7 मई को होने वाले डब्ल्यूएफआई चुनाव में शीर्ष पद के लिए दावेदारी पेश नहीं करेंगे। हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि वह राष्ट्रीय महासंघ के अंदर अपने लिए एक भूमिका तलाश करेंगे।
9. देश के शीर्ष पहलवानों के आरोप लगाने के तीन महीने की अवधि के दौरान सिंह भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और सरकार के निरीक्षण पैनल के सामने पेश हुए।
10. कई सूत्रों ने पुष्टि की है कि पहलवान डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को साबित नहीं कर सके।