कांग्रेस के मुंह संविधान के शिकार का खून लगा, 6 दशक में 75 बार किया बदलाव
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा का जवाब दिया. पीएम ने संविधान का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मुंह संविधान के शिकार का खून लग गया है. कांग्रेस पार्टी ने 6 दशक में एक दो बार नहीं बल्कि 75 बार संविधान में बदलाव किया. कांग्रेस की सरकार ने संविधान में संशोधन कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी पलट दिया.

पीएम ने आगे कहा पंडित नेहरू ने संविधान में बदलाव के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी. कांग्रेस ने निरंतर संविधान की अवमानना की. संविधान के महत्व को कम किया. कांग्रेस का इतिहास इसके अनेक उदाहरणों से भरा पड़ा है. पहले पंडित नेहरू का अपना संविधान चलता था और इसलिए उन्होंने वरिष्ठ महानुभावों की सलाह मानी नहीं.

‘कांग्रेस ने देश की अदालत के पंख काट दिए थे’
प्रधानमंत्री ने कहा कि करीब 6 दशक में 75 बार संविधान बदला गया, जो बीज देश के पहले प्रधानमंत्री जी ने बोया था उस बीज को खाद-पानी देने का काम एक और प्रधानमंत्री ने किया, उनका नाम था श्रीमती इंदिरा गांधी. सुप्रीम कोर्ट ने 1971 में एक फैसला दिया था, उस फैसले को संविधान में बदलाव करके पलट दिया गया. कांग्रेस ने हमारे देश की अदालत के पंख काट दिए थे.

पीएम बोले- कांग्रेस ने आरक्षण का भी विरोध किया था
पीएम ने आरक्षण का जिक्र करते हुए भी कांग्रेस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जब बाबा साहब अंबेडकर भारत में संतुलित विकास के लिए आरक्षण लेकर आए तब कांग्रेस ने उसका विरोध किया था. दशकों तक मंडल कमीशन की रिपोर्ट को डिब्बे में डाल दिया था. देश ने जब कांग्रेस को हटाया तब जाकर ओबीसी को आरक्षण मिला. ये कांग्रेस का पाप है जो कभी धूल नहीं सकता.

‘नेहरू ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखी थी चिट्ठी’
उन्होंने आगे कहा कि नेहरू जी से लेकर राजीव गांधी तक कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने आरक्षण का विरोध किया था. इतिहास कह रहा है आरक्षण के विरोध में लंबी-लंबी चिट्ठियां खुद नेहरू जी ने लिखी है. नेहरू जी ने आरक्षण को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी. इतना ही नहीं, सदन में आरक्षण के खिलाफ लंबे-लंबे भाषण इन लोगों ने किए हैं.

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