ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष हजरत मौलाना राबे हसनी नदवी का गुरुवार को निधन हो गया। 94 वर्षीय हसनी नदवी ने लखनऊ के डालीगंज स्थित नदवा मदरसे में आखिरी सांस ली। मौलाना लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
उन्हें रायबरेली से लखनऊ लाया गया था। नदवा में आज रात 10 बजे जनाज़े की नमाज़ होगी। कल रायबरेली के तकिया में सुपुर्द ए ख़ाक किया जाएगा।
मौलाना राबे हसनी नदवी एक भारतीय इस्लामिक विद्वान थे। वह ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष होने के साथ ही लखनऊ की धार्मिक शिक्षा के केंद्र नदवतुल उलेमा के अध्यक्ष भी थे। वे मुस्लिम वर्ल्ड लीग के संस्थापक सदस्य आलमी रबिता अदब-ए-इस्लामी, रियाद (केएसए) के उपाध्यक्ष भी थे। उन्हें दुनिया के 500 सबसे प्रभावशाली मुसलमानों में सूचीबद्ध किया गया था।
नदवी हमेश से मुसलमानों की भलाई के लिए कदम उठाते रहते थे। देश में मुसलमानों के सबसे बड़े संगठन मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठकों में मुस्लिम समाज से जुड़े मसलों पर खुल कर चर्चा करते और महिलाओं को अधिकार के लिए आवाज उठाते रहते थे।
उन्होंने कहा था कि शादियों में दहेज देने के बजाए प्रॉपर्टी में बेटियों को हक दिया जाए। उन्होंने कहा था कि मुसलमानों को इस रीति-रिवाजों से बचना चाहिए। सुन्नत और शरीयत के अनुसार शादी करें।
दारुल उलूम नदवतुल उलमा के प्रमुख चांसलर
मौलाना हसनी नदवी का जन्म 1 अक्टूबर 1929 को रायबरेली में हुआ था। रायबरेली में प्रारंभिक शिक्षा हासिल की और उसके बाद उच्च शिक्षा के लिए दारुल उलूम नदवतुल उलमा में शामिल हो गए। हसन नदवी दारुल उलूम नदवतुल उलमा के प्रमुख चांसलर और अलामी रबीता अदब-ए-इस्लामी, रियाद (केएसएए) के कुलपति थे।