इजरायल ने हमास के हमलों के जवाब में ‘ऑपरेशन आयरन स्वॉर्ड’ घोषित किया है। इजरायली डिफेंस फोर्सेज के मुताबिक यह गाजा स्ट्रिप में मिलिट्री ऑपरेशंस में एक नई कड़ी है। इजरायली सेना के मुताबिक यह ऑपरेशन फिलिस्तीनी इस्लामिक जेहाद (पीआईजी) के रॉकेट हमलों के जवाब में शुरू किया गया है।
गौरतलब है कि फिलीस्तीन के विद्रोही गुट हमास ने शनिवार को इजरायल के ऊपर हमला कर दिया है। बताया जाता है कि हमास ने 5000 रॉकेट दागे हैं। इसके अलावा कई जगहों से घुसपैठ भी की गई है। हमास के हमलों में 22 लोगों के मारे जाने की खबर है।
क्या है नाम के पीछे कहानी
असल में इजरायली मिलिट्री अपने ऑपरेशंस का नाम पहले हिब्रू में रखती है। इसके बाद इसे अंग्रेजी में ट्रांसलेट किया जाता है। इन नामों को रखना सिंबोलिक के साथ-साथ रणनीतिक महत्व वाला भी हो सकता है। नाम ऐसे रखे जाते हैं जो इजरायल के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भी अपील करने वाले हों। इसके अलावा यह दुश्मन के लिए भी एक संदेश होता है। जब इजरायली सेना ने एक मिशन का नाम ऑपरेशनल प्रोटेक्टिव एज दिया था तो उसके पीछे डिफेंसिव दिखाने की मंशा थी। इजरायली डिफेंस फोर्सेज के प्रवक्ता ने बताया कि इसके जरिए इजरायली लोगों को दृढ़ रहने और विजेता भाव रखने का संदेश दिया गया।
अब आगे क्या
हालांकि ऑपरेशन का नाम ‘ऑयरन स्वॉर्ड’ रखकर इजरायली सेना को तात्कालिक लाभ तो मिल चुका है। लेकिन अभी इसके पूर्णकालिक प्रभावों को देखना बाकी है। यह देखना होगा कि क्या इस सैन्य ऑपरेशन के बाद गाजा स्ट्रिप में पावर शिफ्ट देखने को मिलेगी। या फिर इस क्षेत्र में चल रहे संघर्ष की कड़ी में सिर्फ एक नाम भर रह जाएगा। अब इस बारे में फैसला समय ही करेगा।
क्या होगा इस ऑपरेशन का टारगेट
इस ऑपरेशन के तहत इजरायली सेना फिलिस्तीनी इस्लामिक जेहाद (पीआईजी) के नेताओं को निशाना बना रही है। इसके साथ-साथ हथियार बनाने वाले ठिकानों पर भी हमला किया जा रहा है। इसके चलते तीन पीआईजी नेताओं और 10 नागरिकों की मौत हो चुकी है। असल में इजरायली सेना जानबूझकर हमास की जगह पीआईजी नेताओं को निशाना बना रही है। यह गाजा में सत्ताधारी दल है और सेना दोनों संगठनों को कमजोर करना चाहती है।