एकनाथ शिंदे के मंत्री अब्दुल सत्तार को बाहर करो; लोकसभा नतीजों पर नहीं थम रही रार
Sharing Is Caring:

लोकसभा चुनाव के नतीजों में भाजपा को महाराष्ट्र में करारा झटका लगा है। इसके बाद से ही पार्टी मंथन कर रही है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। नतीजों के बाद से ही भाजपा के एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार वाली एनसीपी के साथ रिश्तों में थोड़ा तनाव हो गया है।

आरएसएस ने हाल ही में अजित पवार के साथ गठबंधन को नुकसान पहुंचाने वाली रणनीति बताया था। वहीं अब एकनाथ शिंदे सेना के एक मंत्री अब्दुल सत्तार को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। महाराष्ट्र भाजपा के एक लीडर मंत्री अब्दुल सत्तार को निष्कासित करने की मांग की और आरोप लगाया कि उन्होंने हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में जालना सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन किया था।

पार्टी की सिल्लोड नगर इकाई के प्रमुख कमलेश कटारिया ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया कि शिवसेना नेता सत्तार और उनके समर्थकों ने कांग्रेस उम्मीदवार कल्याण काले की मदद की। काले ने जालना में पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे को एक लाख से अधिक मतों से हराया। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ ‘महायुति’ में भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं।

कटारिया ने दावा किया कि राज्य विधानसभा में सिल्लोड का प्रतिनिधित्व करने वाले सत्तार ने अपने क्षेत्र में (भाजपा उम्मीदवार के) खिलाफ काम किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तार सिल्लोड में भाजपा को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं और भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए गए हैं। भाजपा नेता ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता सत्तार और उनके समर्थकों से नाराज हैं। कटारिया ने अपने पत्र में लिखा, ‘हमने अब तक पार्टी की खातिर इसे बर्दाश्त किया है। इस पर कोई फैसला लिया जाना चाहिए और मंत्री को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल से हटा दिया जाना चाहिए।’

आज महाराष्ट्र में भाजपा की बैठक, सबकी है नजर

इससे पहले सत्तार ने दावा किया था कि उन्होंने दानवे के लिए काम किया था, लेकिन ‘उनके कुछ लोग’ पीछे हट गए। गौरतलब है कि भाजपा आज एक मीटिंग भी महाराष्ट्र में कर रही है। इस मीटिंग में देवेंद्र फडणवीस, चंद्रशेखर बावनकुले समेत तमाम नेता रहने वाले हैं। इस बैठक में नतीजों की समीक्षा की जाएगी। चर्चा है कि मीटिंग में विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर कोई फैसला हो सकता है।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *