यूपी में लोकसभा चुनाव के दौरान ओबीसी के छटकने को ही भाजपा की हार का कारण माना जाता है। ऐसे में उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ओबीसी को साधने की रणनीति पर काम कर रही है. इसी के तहत 29 जुलाई को भाजपा ओबीसी मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक लखनऊ के विश्वेश्वरैया हॉल में बुलाई गई है।इसमें 10 सीटों पर होनों वाले उपचुनावों के लिए पिछड़ों को साधने की रणनीति पर मंथन होगा। इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह सहित अन्य भाग लेंगे। बैठक की तैयारियों को लेकर मंगलवार को मोर्चा पदाधिकारियों की बैठक भाजपा राज्य मुख्यालय के माधव सभागार में हुई।
लोकसभा चुनाव में कई पिछड़ी जातियों के छिटकने से भाजपा में बेचैनी है। पार्टी के तमाम प्रमुख नेता भी अपने सजातीय वोटों का पलायन नहीं रोक सके। ऐसे में भाजपा अब नये सिरे से इसका ताना-बाना बुनेगी। यही कारण है कि ओबीसी मोर्चा की प्रदेश कार्यसमिति में भी प्रदेशभर से अधिक लोग बुलाए जा रहे हैं। बैठक में प्रदेश सरकार के मंत्री और ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप ने कहा कि पिछड़े वर्गों के लिए योगी सरकार लगातार काम कर रही है।
प्रदेश कार्यसमिति बैठक में मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी, क्षेत्रीय पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष, महामंत्री उपस्थित होंगे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मंगलवार को बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें पदाधिकारियों से कार्यक्रम को लेकर रूपरेखा तैयार की गई है। 29 जुलाई को होने वाली इस बैठक में प्रदेशभर के पिछड़े नेता आमंत्रित किए गए हैं। इसके अलावा प्रदेश सरकार और संगठन के तमाम पिछड़े चेहरे भी इस बैठक में शामिल होंगे।
लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीटें 62 से 33 हो गई हैं। इसके लिए ओबीसी और कुछ दलित जातियों के समाजवादी पार्टी के पक्ष में वोट को कारण माना जा रहा है। ऐसे में उपचुनाव से पहले भाजपा ओबीसी जातियों को अपने पक्ष में करना चाहती है। दस सीटों पर होने वाला उपचुनाव 2027 के विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है। अगर भाजपा उपचुनाव जीतने में सफल रही तो विधानसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं को मनोबल बढ़ाने में मदद मिल जाएगी।