वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता प्रकाश आंबेडकर ने शनिवार को औरंगजेब के मकबरे का दौरा किया। मौजूदा वक्त में औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर महाराष्ट्र की सियासत में बवाल मचा है। औरंगजेब के पोस्टर और स्टेटस लगाने के बाद राज्य में कुछ जगहों पर आगजनी भी हुई थी।
इस पृष्ठभूमि में प्रकाश आंबेडकर ने औरंगजेब के मकबरे का दौरा कर एक नई रार छेड़ दी है।
गरमा सकता है सियासी बवाल
औरंगजेब को लेकर राज्य में विवाद गरमा रहा है। मुगल बादशाह के पोस्टर लगाए जाने के कारण कुछ जगहों पर आगजनी की घटनाएं हुईं थी। इस दौरान, शिवसेना शिंदे गुट ने मांग की थी कि औरंगजेब के मकबरे को हैदराबाद ले जाया जाए। वहीं शिवसेना के ठाकरे गुट ने प्रकाश आंबेडकर की वंचित अघाड़ी के साथ राजनीतिक समझौता करने की अपनी तत्परता दिखाई है।
औरंगजेब पर बोले प्रकाश आंबेडकर
लिहाजा अब प्रकाश आंबेडकर के औरंगजेब की कब्र पर जाने के बाद राजनीतिक क्षेत्र में इसकी जोरदार चर्चा हो रही है। इस पर बीजेपी, शिंदे ग्रुप और यहां तक कि ठाकरे ग्रुप की क्या प्रतिक्रिया है, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं। प्रकाश आंबेडकर के औरंगजेब की मजार पर जाने से एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो सकता है। औरंगजेब की मजार पर जाने के बाद प्रकाश आंबेडकर ने कहा, “मैं औरंगजेब की मजार पर गया था। यहां एक ऐतिहासिक इमारत है, मैं इसे देखने आया हूं। औरंगजेब ने 50 साल तक राज किया, क्या आप इसे मिटाने जा रहे हैं?”
उद्धव ने क्यों मिलाया प्रकाश आंबेडकर से हाथ?
उधर सियासी झटके खा रही शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और प्रकाश आंबेडकर की वीबीए ने इस साल की शुरुआत में गठबंधन की घोषणा की थी। आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए उद्धव की शिवसेना महाराष्ट्र में जमीन तलाशने की कोशिश में है। आंबेडकर ने तब कहा था कि गठबंधन फिलहाल शिवसेना (यूबीटी) और वीबीए के बीच है, लेकिन उन्हें उम्मीद है कि महाविकास आघाड़ी (कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) के अन्य घटक भी इसमें शामिल होंगे। दोनों गुटों ने 2024 साथ में मिलकर चुनाव लड़ने का वादा किया है।