शरद पवार के एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफे के ऐलान के बाद से ही पार्टी में बवाल मचा हुआ है। मंगलवार को पार्टी के तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्हें भावुक करते हुए समझाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने दो से तीन दिन का वक्त विचार करने के लिए मांगा था।
इसके बाद बुधवार को मुंबई के ही यशवंत राव ऑडिटोरियम में एक बार फिर से एनसीपी नेताओं की मीटिंग हुई। यहीं पर शरद पवार ने पद छोड़ने का ऐलान कर दिया था। इस मीटिंग में शरद पवार के अलावा उनकी बेटी सुप्रिया सुले, अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल, रोहित पवार और छगन भुजबल भी मौजूद थे।
इस बैठक के बाद शरद पवार के करीबी सूत्रों ने बताया कि वह इस्तीफा वापस लेने के मूड में नहीं हैं। शरद पवार ने साफ कर दिया कि वह पद पर नहीं रहेंगे, लेकिन हर वक्त पार्टी का कामकाज देखेंगे। वहीं अजित पवार ने मीटिंग से पहले कहा कि यदि मुझे अध्यक्ष पद ऑफर भी किया जाए तो मैं स्वीकार नहीं करूंगा। इस बीच चर्चा है कि शरद पवार चाहते हैं कि पार्टी में सहमति बन जाए कि उनकी जगह सुप्रिया सुले को ही अध्यक्ष बना दिया जाए। इसके अलावा शरद पवार बैकसीट पर बैठकर मार्गदर्शन करते रहेंगे।
बाल ठाकरे और मुलायम सिंह की क्यों हो रही चर्चा
साफ है कि शरद पवार का प्लान अपने ऐक्टिव रहते बेटी को बागडोर सौंपने का है। यह ऐसा ही है, जैसे मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश को समय रहते ही यूपी का सीएम बना दिया था। इसके अलावा बाल ठाकरे के उदाहरण का भी चर्चा हो रही है, जिन्होंने लंबे समय तक साथ राजनीति करने वाले भतीजे राज के मुकाबले उद्धव को ही विरासत सौंपी थी। शरद पवार के सामने मुश्किल सिर्फ इतनी है कि भतीजे अजित पवार ने हमेशा महाराष्ट्र में ही सियासत की है और सूबे में उनका अच्छा जनाधार है, जबकि सुप्रिया सुले सांसद के तौर पर दिल्ली की राजनीति में ही बिजी रही हैं।
पहला विस्फोट हुआ, अब दिल्ली जाएंगे शरद पवार
यही वजह है कि सुप्रिया सुले को स्थापित करने से पहले शरद पवार को अपने इस्तीफे का यूं दांव चलना पड़ा है, जिसके चलते कार्यकर्ता इमोशनल हैं। माना जा रहा है कि शरद पवार इस इमोशनल माहौल में ही बेटी के लिए राह बनाना चाह रहे हैं और खुद बैकसीट पर बैठकर उनका मार्गदर्शन करेंगे। बता दें कि सुप्रिया सुले ने पिछले दिनों कहा था कि आने वाले वक्त में दो धमाके होंगे। एक मुंबई में और एक दिल्ली में। अब शरद पवार ने मुंबई में इस्तीफा दिया है, जिससे पहला धमाका माना जा रहा है। माना जा रहा है कि अब शरद पवार बेटी को जिम्मा सौंपकर दिल्ली की राजनीति में आ सकते हैं, इसे दूसरे धमाके के तौर पर देखा जा रहा है।