मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा है कि आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहनों का है। जिस अनुपात में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है, उसी अनुपात में ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने होंगे।यूपी इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण का केन्द्र बने इसके लिये सरकार पूरा प्रयास कर रही है। पर्यावरण के लिये जरूरी भी है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जाए।दुर्गा शंकर मंगलवार को राजधानी लखनऊ के गोमती नगर स्थित एक होटल में ‘ईवी चार्जिंग वे अहेड’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बोल रहे थे। कार्यशाला का आयोजन यूपी रिन्यूवेबल एण्ड ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड की ओर से किया गया था जिसमें केन्द्र व राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ-साथ ऊर्जा क्षेत्र एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।मिश्र ने कहा कि लखनऊ में अशोक लेलैन्ड इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण के लिए कारखाना लगा रही है, जहां दो वर्षो में उत्पादन प्रारम्भ हो जाने की सम्भावना है। इसी तरह टाटा मोटर का भी यहॉ कारखाना स्थापित है। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण एवं उनकी चार्जिंग के लिए एक सुव्यवस्थित ढ़ाचा एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो, जिससे प्रदेश आगामी वर्षों में निर्धारित इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण एवं प्रोत्साहन के लक्ष्य को पूरा कर सके। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए बुनियादी संरचना एवं बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए एक नई कम्पनी उत्तर प्रदेश रिन्यूवेबल एंड ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (यूपीरेव) का गठन किया गया है।आने वाले समय में यूपीरेव प्रदेश में ऐसा चार्जिंग इको सिस्टम बनायेगी, जिससे प्रदेश में चार्जिंग का एक नेटवर्क बनेगा। यह इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। वहीं अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे रोजगार सृजन के साथ-साथ बड़े निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
वाहन चार्जिंग स्टेशनों पर हो कैफे व मनोरंजन की व्यवस्था
मुख्य सचिव से कहा कि वाहन में पेट्रोल व डीजल कुछ मिनट में भर जाता है, लेकिन इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग में वक्त लगता है। ऐसे में चार्जिंग सेण्टर पर कैफे, मनोरंजन, बैठने व आराम करने के लिये स्थान होना चाहिये। हाईवे और एक्सप्रेस-वे पर भी प्रत्येक 25 किलोमीटर पर ऐसी व्यवस्था बनानी होगी। वर्ष 2030 तक प्रदेश में तीस प्रतिशत वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन बनाना है। इसलिये 2022 में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये एक पॉलिसी लायी गयी है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर सब्सिडी का प्राविधान किया गया है।
प्रदेश के 10 शहरों में ई-वाहनों के लिए ज्यदा अवसर
इस अवसर पर जी 20 के शेरपा अभिताभ कान्त ने कहा कि प्रदेश के 10 बड़े शहर मसलन लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, आगरा, गाजियाबाद, नोएडा, प्रयागराज, अयोध्या, मेरठ तथा गोरखपुर में ई वाहनों के लिये सबसे ज्यादा अवसर है। उन्होंने 2030 तक इन शहरों में शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग तथा साफ एवं स्वच्छता पर अपना सारगर्भित प्रजेन्टेशन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि धुए के कारण हो रहे प्रदूषण से मानव की स्वास्थ्य समस्या और बीमारी बढ़ रही है। इससे इंसान की लगभग 8 साल की औसत आयु कम हो रही है।