इन्वेस्ट यूपी : मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में वर्ष 2024-25 में 50 हजार करोड़ का निवेश
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उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के मिशन में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का उल्लेखनीय योगदान है। इन्वेस्ट यूपी 2.0 की समीक्षा बैठक में संबंधित अधिकारी ने बताया कि वर्ष 2024-25 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने 2.81 लाख करोड़ रुपए का योगदान किया है, जो वर्ष 2024-25 के लक्षित योगदान का लगभग 77 प्रतिशत है।

सीएम योगी के मार्गदर्शन में इन्वेस्ट यूपी 2.0 के तहत प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए बनाए गए निवेश फ्रेंडली माहौल में कई नई मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां स्थापित हुई हैं, जो न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। इसके साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रही हैं। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का हब बनने की दिशा में आगामी वर्ष 2025-26 में 3 लाख करोड़ रुपए निवेश की जरूरत व्यक्त की गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में संचालित इन्वेस्ट यूपी योजना के तहत प्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के विकास के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। इसका परिणाम वर्तमान में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में स्थापित हो रही नई इकाइयों और बढ़ते उत्पादन के रूप में देखने को मिल रहा है।

इसी क्रम में वर्ष 2024-25 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने प्रदेश में 2.81 लाख करोड़ रुपए का सकल मूल्य वर्धन (जीएसवीए) का योगदान दिया है। जबकि, वर्ष 2024-25 के लिए 3.61 लाख करोड़ रुपए के मूल्य वर्धन का लक्ष्य रखा गया था। साथ ही सत्र में केवल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। इसके साथ ही यूपी ने भारत सरकार द्वारा जारी आईपीपी सूचकांक में 4.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।

सीएम योगी का इन्वेस्ट यूपी 2.0 के तहत विशेष फोकस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ से प्रदेश की जीएसडीपी में वृद्धि और प्रदेश में रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं। इसी दिशा में इन्वेस्ट यूपी की समीक्षा बैठक में बताया गया कि आगामी वर्ष 2025-26 में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से 1.25 लाख करोड़ के सकल मूल्य वर्धन के लिए 3 लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत व्यक्त की गई है।

इस दिशा में प्रदेश में नई इकाइयों की स्थापना और एफडीआई आकर्षित करने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही प्रदेश के लिए लैंड बैंक और रॉ-मटेरियल बैंक बनाने के साथ अलीगढ़, उन्नाव, प्रयागराज और झूंसी को विशेष निवेश क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।

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