यूपी सरकार बिजली व्यवस्था को आधुनिक बनाने के साथ ही विस्तार योजनाओं पर 43 हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी। मीटर से लेकर फीडर तक की व्यवस्थाएं चाक चौबंद होंगी। इस योजना के तहत प्रदेश की पांचों विद्युत वितरण कंपनियों की अलग-अलग कार्ययोजना बनाई गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जिले के लिए अलग से 1309 करोड़ रुपये की योजना प्रस्तावित है। बिजली महकमें के अधिकारियों ने इस वृहद योजना का प्रस्तुतिकरण हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष किया था।
मध्यांचल के लिए 10146 करोड़ रुपये की कार्ययोजना
इस 42968.55 करोड़ रुपये की वृहद योजना के तहत पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के लिए 8759.87 करोड़ रुपये की विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के लिए 10146 करोड़ रुपये, दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के लिए 12300 करोड़ रुपये, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के लिए 10563 करोड़ रुपये तथा केस्को (कानपुर) के लिए 1198 करोड़ रुपये की कार्ययोजना प्रस्तावित है। इसके अलावा पूर्वांचल, मध्यांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के तहत ढाई लाख से अधिक घरों के विद्युतीकरण के लिए 917 करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं।
वाराणसी, अयोध्या, नोएडा और कानपुर के लिए अलग से व्यवस्था
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बिजली व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए 1309 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए जा रहे हैं। यहां पर स्मार्ट डिस्ट्रीब्यूशन प्रॉसेस पर 307.70 करोड़ रुपये, अंडरग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर पर 513.58 करोड़ रुपये और आधुनिकीकरण व विस्तारीकरण पर 488.10 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। नोएडा के लिए 1535 करोड़, अयोध्या के लिए 1200 करोड़ रुपये और कानपुर के लिए 823 करोड़ रुपये से बिजली व्यवस्था के आधुनिकीकरण की तैयारी है।