‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद सपा और कांग्रेस के बीच पैदा हुई तल्खी कम होने का नाम नहीं ले रही। कांग्रेस जहां आज़म खां से मिलने के बहाने मुस्लिम मतों में हिस्सेदारी की कवायद में तेजी से जुट गई है।
राजनीति के गलियारों में चर्चा है तो ये है कि आजम और उनके बेटे अब्दुल्ला से मिलना तो कांग्रेस का बहाना है, असल मकसद उनका मुस्लिम वोट बैंक को हथियाना है। इसको लेकर गुरुवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय सीतापुर जेल में बंद आजम खान से मिलने पहुंचे लेकिन निराशा ही हाथ लगी। बिना मिले ही अजय राय को लौटना पड़ा। यही हाल हरदोई जेल में बंद आजम के बेटे अब्दुल्ला के साथ हुआ। वहां भी कांग्रेस नेता की मुलाकात नहीं हो सकी। वहीं सपा द्वारा दो दिन पहले अखिलेश यादव को भावी प्रधानमंत्री बताने के विरोध में कांग्रेस ने गुरुवार को वर्ष 2024 में राहुल गांधी को भावी प्रधानमंत्री और वर्ष 2027 में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को भावी मुख्यमंत्री बताते हुए पोस्टर लगाकर करारा जवाब दिया। आजम खां से अजय राय की मुलाकात के प्रयास पर सपा प्रवक्ता ने हमला करते हुए कहा कि आज़म खां से मिलने से कांग्रेस के पाप मिटने वाले नहीं हैं।
दोनों दलों के बीच ताजा विवाद लखनऊ में कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय के पास लगी एक होर्डिंग से शुरू हुआ है, जिसमें राहुल गांधी को 2024 में प्रधानमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को 2027 में मुख्यमंत्री बनाने की अपील की गई है। हालांकि यह होर्डिंग बाद में उतरवा दी गई। इससे पहले सपा कार्यकर्ता भी अखिलेश यादव को भावी प्रधानमंत्री के तौर पर पेश कर चुके हैं। लखनऊ में सपा कार्यालय के आसपास कई होर्डिंग लगाई जा चुकी हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव में टिकटों के बंटवारे को लेकर भी दोनों दलों की खींचतान चल रही है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के साथ टिकटों का समझौता न हो पाने पर अखिलेश यादव की बेहद तल्ख प्रतिक्रिया के बाद विवाद ठंडा करने की कवायद शुरू हुई तो दोनों दलों ने अपने-अपने खेमे को संयत होकर बोलने का संदेश दिया। इसका भी बस इतना ही फायदा हुआ कि तल्ख बयानबाजी रुक गई लेकिन सियासी मैदान पर एक दूसरे को मात देने का ‘खेल’ नहीं बंद हुआ।
आजम ने किया मिलने से इनकार, वापस लौटे अजय राय
जिला कारागार सीतापुर में बंद सपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मंत्री आजम खां ने गुरुवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय से मुलाकात करने से इंकार कर दिया। अजय राय उनसे मिलने जिला जेल पहुंचे थे। जेल मैनुअल में एक सप्ताह में सिर्फ एक मिलाई का प्रावधान है। इस तरह पंद्रह दिनों में सिर्फ दो मुलाकात संभव हैं। बुधवार को आजम का बेटा अदीब उनसे मुलाकात कर चुका है। ऐसे में अब उनके पास के केवल एक ही मिलाई बची है, इसलिए इसे वे अपने परिवार के लिए बचाकर रखना चाहते हैं। करीब बीस मिनट तक परिसर में रुकने के बाद अजय राय बगैर मुलाकात किए लौट गए। अजय राय अपने संग एक सेब की पेटी ले गए थे लेकिन जब उनकी मुलाकात नहीं हो सकी तो उन्होंने अपने संग ले जाई गई सेब की पेटी अंदर भिजवा दी और वापस चले गए। अजय राय ने गुरुवार को दोपहर एक बजे मुलाकात करने का वक्त जेल प्रशासन से मांगा था।
सपा ने अजय राय पर बोला बड़ा हमला
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने गुरुवार को सीतापुर जेल में बंद सपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री मो. आजम खां से मिलने की कोशिश कर सपा खेमे को फिर नाराज कर दिया। खुद अखिलेश यादव भी इस मामले में प्रतिक्रिया देने से खुद को रोक नहीं पाए। अखिलेश यादव ने कहा कि सबको आजम खां से मिलने जाना चाहिए, लेकिन उस समय लोग कहां थे, जब उन्हें फंसाया जा रहा था। कांग्रेस के नेता भी आजम खां को फंसाने में लगे थे। रही सही कमर गुरुवार को सपा प्रवक्ता फखरूह हसन चांद ने पूरी कर दी। उन्होंने कहा कि भाजपा से प्रतिनियुक्ति पर कांग्रेस में आकर प्रदेश अध्यक्ष बने अजय राय के आजम खां साहब से मिलने से कांग्रेस के पाप धुलने वाले नहीं हैं। सपा आजम खां के साथ मज़बूती से खड़ी है।
हरदोई जिला जेल में बंद अब्दुल्ला से भी नहीं मिल सके कांग्रेसी
पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम से मुलाकात करने गुरुवार को जिला कारागार पहुंचे कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को प्रशासन ने बैरंग लौटा दिया। कांग्रेसियों ने प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया। वहीं जेलर संजय कुमार ने कहा कि कागजी औपचारिकताएं पूरी न होने के कारण मुलाकात नहीं कराई गई है। कांग्रेस जिलाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह सोमवंशी ने कहा कि राजनीतिक विद्वेष के कारण आजम खान के परिवार को तंग किया जा रहा है। सांसद, मंत्री रहते हुए आजम खान और उनके परिवार का सकारात्मक योगदान रहा है। सदन के अंदर मंहगाई, बेरोजगारी, गरीबी जैसे विषयों पर उनकी तकरीरें इतनी जबरदस्त थीं कि भाजपा सरकार उनसे भयभीत होने लगी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि जानबूझकर प्रशासन मिलने की अनुमति नहीं दे रहा है। शहर अध्यक्ष जमील अहमद अंसारी समेत तमाम कांग्रेसी मौजूद रहे।