आयकर अधिकारियों ने बुधवार को यूपी और एमपी में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान और उनके करीबी सहयोगियों से जुड़े लगभग 30 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। राजनीतिक घमासान मचाने वाली छापेमारी बुधवार देर रात तक जारी रही।
छापेमारी ने राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरे आजम खान की नई मुसीबत का संकेत दे दिया। आजम खान 2017 में यूपी में योगी सरकार आने के बाद से अपने खिलाफ दर्ज कई मामलों से जूझ रहे हैं। उन्हें दो मामलों में सजा भी सुनाई जा चुकी है। आज की छापेमारी को पूरी कवायद को बेहद गोपनीयता बनाए रखा गया। इसके लिए आयकर टीमें भी बाहर से बुलाई गई थीं।
आजम खान के करीबी सहयोगियों जैसे चमरुआ से एसपी विधायक नसीर अहमद खान के परिसरों पर भी छापे मारे गए। कहा जाता है कि नसीर अहमद अल जौहर ट्रस्ट के संयुक्त सचिव हैं। इस ट्रस्ट के आजम खान ही प्रमुख हैं। ऐसी खबरें थीं कि मौलाना जौहर ट्रस्ट के लिए होने वाले ज्यादातर कार्यों में नसीर ही हस्ताक्षरकर्ता थे। हालांकि, नसीर से इस बारे में बात नहीं हो सकी है।
आयकर की टीम ने आजम खान के करीबी वकील मुश्ताक अली के लखनऊ आवास, आजम के बेटे अब्दुल्ला के करीबी दोस्तों में से एक के गाजियाबाद स्थित आवास और आजम के एक अन्य करीबी सहयोगी द्वारा संचालित सीतापुर के एक प्रमुख स्कूल पर भी छापेमारी की है। आयकर अधिकारियों की एक और टीम मेरठ के भवानी नगर इलाके में बिजली विभाग के एक सेवानिवृत्त अधिकारी के आवास पर पहुंची। वह सपा शासन के दौरान रामपुर में तैनात थे। सहारनपुर में खान के पूर्व चार्टर्ड अकाउंटेंट केजी अग्रवाल के कार्यालयों पर भी छापे मारे गए। खान के एक अन्य करीबी सहयोगी सरफराज के सहारनपुर स्थित घर पर भी छापा मारा गया। इनके बेटे समाजवादी पार्टी से एमएलसी हैं।
आजम का आवास ही था छापेमारी का फोकस
हालांकि, पूरे छापेमारी का फोकस रामपुर में आजम खान का आवास ही था। यहां अर्धसैनिक बलों के अधिकारियों के साथ आयकर टीमों ने सुबह 8 बजे के आसपास छापेमारी शुरू की। 2019 में बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने आजम खान पर आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने और टैक्स भुगतान में हेराफेरी करने का आरोप लगाया था। उन्होंने इस आशय के दस्तावेज केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी सौंपे थे। इस समय आकाश सक्सेना बीजेपी से रामपुर (सदर) से विधायक भी हैं। सक्सेना ने कहा कि अगर आजम निर्दोष हैं तो उन्हें किसी बात से डरना नहीं चाहिए।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मोदी सरकार को घेरा
वहीं, छापेमारी को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सीधे भाजपा और केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही इस तरह की छापेमारी बढ़ जाएगी। सरकार जितनी कमजोर होगी, विपक्ष पर छापे उतने बढ़ते जाएंगे। अखिलेश ने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना के कारण ही ये छापे बढ़ेंगे। आजम साहब ने हमेशा इन चीजों से लड़ने की बात कही है। यह छापेमारी सरकार की कमजोरी का संकेत हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि मोहम्मद आजम खान साहब सच की आवाज हैं। उन्होंने बच्चों के बेहतर भविष्य की नींव रखी है। शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय बनाया। मोहम्मद आजम खान साहब सदैव फिरकापरसत ताकतों से लड़ते रहे हैं। आज पूरी समाजवादी पार्टी उनकी आवाज के साथ खड़ी है। भाजपा सरकार केन्द्रीय संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। कहा कि भाजपा सरकार का आचरण संविधान विरोधी और लोकतंत्र विरोधी है। भाजपा सरकार विरोधी दलों के नेताओं के खिलाफ लगातार बदले की भावना से काम कर रही है। इससे पहले भी भाजपा ने मोहम्मद आजम खां साहब की ईमानदार छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए फर्जी मुकदमें लगाए थे। उन्हें कोर्ट से राहत मिली।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार विपक्षी एकजुटता और इंडिया गठबंधन से डरी हुई है। घोसी विधानसभा उपचुनाव की करारी हार से पूरी भाजपा और बौखला गयी है। सरकार जितनी कमजोर होगी, विपक्ष पर छापे उतने ही बढ़ते जाएंगे। सरकार तानाशाही और केन्द्रीय एजेंसियों का दुरूपयोग बंद करें। भाजपाई याद रखे तानाशाहों के अहंकार का अंत अवश्य होता है। 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता लोकतंत्र विरोधी, संविधान विरोधी, तानाशाही आचरण वाली भाजपा सरकार को करारा जवाब देगी।
छापेमारी के समय घर पर ही थे आजम खान
जब छापेमारी शुरू हुई तो खान और उनके परिवार के सदस्य अपने रामपुर स्थित घर में मौजूद थे। आजम खान से क्या पूछताछ हुई या टीम ने उन्हें क्या बताया इस बारे में पुष्टि नहीं हो सकी है। मीडिया के एक वर्ग के अनुसार, छापेमारी पर आजम ने आईटी टीम से कहा मैं तो फ़कीर आदमी हूँ। आयकर अधिकारी पूरी प्रक्रिया के बारे में चुप्पी साधे हुए हैं। आजम खान के घर पहुंचने के बाद आयकर टीम ने सोने का मूल्यांकन करने के लिए कुछ सुनारों को भी बुलाया था। हालांकि इसकी पुष्टि आयकर अधिकारियों ने नहीं की है।
चार दशकों में पहली बार आजम या उनके परिवार का कोई भी सदस्य सांसद या विधायक के रूप में रामपुर का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहा है। जून 2022 के रामपुर लोकसभा उपचुनाव के बाद से भाजपा ने आजम के राजनीतिक बेस में लगातार सेंध लगाई है। आजम और उनके बेटे के अयोग्य घोषित होने के बाद हुए उपचुनावों में भाजपा ने जीत हासिल की है।
आजम अपने ऊपर लगाए गए कई मामलों से लगातार जूझ रहे हैं। इनमें से ज्यादातर भाजपा नेता आकाश सक्सेना की ओर से लगाए गए हैं। आकाश सक्सेन उसी रामपुर (सदर) सीट से भाजपा विधायक हैं, जिस पर चार दशकों से अधिक समय से आजम या उनके परिवार का प्रतिनिधित्व रहा है।
कहा जा रहा है कि आज की छापेमारी आजम की आय से अधिक संपत्ति की रिपोर्ट की जांच करने के लिए थी। इस संबंध में पहले भी लखनऊ में मुकदमा दर्ज हो चुका है और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी इस संबंध में रामपुर में दो बार पूछताछ कर चुका है। आयकर और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने विधानसभा चुनाव के दौरान आजम खान, उनकी पत्नी और पूर्व राज्यसभा सांसद तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला द्वारा दिए गए हलफनामों की भी जांच की थी और कहा था कि फंड के लेन-देन में अनियमितताएं पाई गई हैं।