आजम खान के आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा एक बार फिर बयान देने नहीं पहुंचीं। इस पर अदालत ने शुक्रवार को उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी किए। आजम खान के लोकसभा चुनाव में जीत पर चार साल पहले आयोजित समारोह में अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में दर्ज केस में जयाप्रदा के बयान देने न आने पर अदालत ने कड़ा रुख अपनाया।
कोर्ट ने अधिवक्ता की स्थगन प्रार्थना पत्र की दलील को खारिज कर जमानती वारंट जारी कर 17 अगस्त को हाजिर होने के आदेश दिए हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर से जीते आजम खान के सम्मान में मुरादाबाद में समारोह आयोजित किया गया था। इस दौरान समारोह में जयाप्रदा के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का आडियो वायरल हुआ तो सियासी बवाल मच गया। रामपुर निवासी मुस्तफा हुसैन ने इस केस में आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, मुरादाबाद सांसद डा. एसटी हसन, संभल जिलाध्यक्ष रहे फिरोज खां, रामपुर के पूर्व पालिका चेयरमैन अजहर खां के खिलाफ तहरीर देकर केस दर्ज कराया था। इस मामले में सुनवाई एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है।
विशेष लोक अभियोजक मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि शुक्रवार को केस सुनवाई सीजेएम मनिंदर सिंह की अदालत में हुई। केस में बतौर पीड़िता जयाप्रदा के बयान होने हैं पर उनका स्वास्थ्य ठीक न होने से स्थगन प्रस्ताव दिया गया। जयाप्रदा की ओर से अधिवक्ता अभिषेक भटनागर ने शुक्रवार को कोर्ट में स्थगन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया।
विशेष लोक अभियोजक का कहना है कि कई बार से उनके अदालत में हाजिर न होने से सुनवाई लगातार टल रही है। लिहाजा इस बार अदालत ने जयाप्रदा के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर 17 अगस्त को कोर्ट में हाजिर होने के आदेश दिए हैं।