रामपुर के चर्चित डूंगरपुर प्रकरण से जुड़े जानलेवा हमले और छेड़खानी के एक केस में एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व सांसद मोहम्मद आजम खां समेत छह आरोपियों पर दोष सिद्ध न हो ने पर कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया।वहीं, इस मामले में नामजद दो अन्य आरोपियों की पत्रावली अभी विचाराधीन है। निर्णय के दौरान आजम खां वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीतापुर जेल से कनेक्ट हुए।सपा सरकार में गंज कोतवाली क्षेत्र के डूंगरपुर में घरों को खाली कराया गया था। इस मामले में सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद 2019 में एक के बाद एक 11 मुकदमे दर्ज हुए थे। इन्हीं में से एक केस के वादी ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खां के इशारे पर तत्कालीन सीओ सिटी आले हसन, बरकत अली ठेकेदार, दरोगा फिरोज खां, परवेज आलम, इमरान खां, इकराम खां, सज्जाद खां और अब्दुल्लाह परवेज ने जबरन घर में घुसकर उसकी पत्नी के साथ मारपीट और छेड़खानी की। साथ ही इकराम ने तमंचा निकालकर जान से मारने की नीयत से फायर झोंक दिया। आरोप था कि ये लोग घर में रखे सोने-चांदी के गहने और बीस हजार रुपये भी लूट ले गए थे।पुलिस ने विवेचना के दौरान आजम को साजिशकर्ता के रूप में नामजद किया और आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया। इस केस की सुनवाई एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में चल रही थी। जहां, बुधवार को पत्रावली निर्णय पर लगी थी। बचाव पक्ष के अधिवक्ता नासिर सुल्तान ने बताया कि अभियोजन आरोप साबित नहीं कर सका, साथ ही बरामदगी भी झूठी साबित हुई। लिहाजा, अदालत ने आजम खां समेत सभी छह आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है। केस में नामजद परवेज आलम और फिरोज की चार्जशीट बाद में आई थी, लिहाजा इनकी पत्रावली अभी विचाराधीन है। एक अन्य नामजद सज्जाद की दौरान-ए-मुकदमा मृत्यु हो चुकी है।