रामपुर में हुए उपचुनाव के दौरान भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने सपा कैंडीडेट आसिम रजा को करारी शिकस्त देकर चुनाव जीत लिया था। भाजपा ने यहां पहली बार कमल खिलाया था। सपा नेता आजम खान की सदस्यता जाने के बाद ही पिछले साल रामपुर में उपचुनाव हुआ था।
जिस आकाश सक्सेना ने रामपुर में आजम का पिछले साल किला ढहा दिया था अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ नोटिस जारी किया है। आकाश सक्सेना को नोटिस मिलने के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता जाने को लेकर चर्चा शुरू हो गई हैं। दरअसल उपचुनाव के दौरान सपा विधायक आसिम रजा ने आकाश सक्सेना पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था। इस संबंध में आसिम हाईकोर्ट चले गए थे।
आसिम रजा ने आकाश सक्सेना पर लगाए आरोप में कहा था कि एक वर्ग विशेष के वोटरों को वोट डालने से रोकने के लिए आकाश सक्सेना की तरफ से कई हथकंडे अपनाए गए हैं। आसिम रजा ने यह भी कहा था कि रामपुर सीट पर हुए आकाश सक्सेना के निर्वाचन को रद्द किया जाए और वहां नए सिरे से चुनाव कराया जाए। आसिम की याचिका पर हाईकोर्ट ने आकाश सक्सेना को नोटिस जारी किया है। अगस्त महीने के पहले हफ्ते तक आकाश सक्सेना को अपना जवाब दाखिल करना होगा।
33 हजार वोटों से रामपुर उपचुनाव जीते थे आकाश सक्सेना
पिछले साल रामपुर में हुए उपचुनाव में पहली बार भाजपा ने जीत दर्ज की थी। भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने सपा नेता आजम खां के बेहद करीब आसिम राजा को 33 हजार मतों से पराजित कर जीत हासिल की थी। आकाश को कुल 80964 वोट मिले थे जबकि, उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी आसिम राजा को 47262 मत प्राप्त हुए थे।
तीन साल की सजा मिलने के बाद आजम की गई थी सदस्यता
भड़काऊ भाषण के मामले में आजम खान को तीन साल की सजा हो गई थी। इसके बाद आजम खान की विधानसभा सदस्यता को रद्द कर दिया गया था। विधायकी जाने के फैसले का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। मगर, उनको राहत नहीं मिल सकी थी। लोकसभा चुनाव के दौरान 2019 में भड़काऊ भाषण का यह मामला सामने आया था। इस मामले के सामने आने के बाद इसमें मुकदमा दर्ज हुआ और फिर यह मामला कोर्ट तक पहुंचा। एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई के बाद अक्तूबर 2022 में इस मुकदमे में आजम खां को दोषी मानते हुए तीन साल की कैद और जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई थी। आजम खां को तीन साल की सजा सुनाए जाए के बाद निर्वाचन आयोग ने आजम खां की विधानसभा सदस्यता समाप्त कर दी थी। इसके बाद निर्वाचन आयोग ने रामपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया।
जिस मामले में गई सदस्यता उसी केस में आजम हुए बरी
काफी दिनों से बुरी खबरों से जूझ रहे आजम को बुधवार को बड़ी राहत मिली थी। एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट ने करीब सात महीने पहले भड़काऊ भाषण के जिस मामले में तीन साल की सजा सुनाई थी और आजम खां को अपनी विधानसभा सदस्यता गंवानी पड़ी थी। उसी मामले में एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को खारिज करते हुए उन्हें बरी कर दिया था। कोर्ट के फैसले की रिपोर्ट उत्तर प्रदेश शासन के न्याय विभाग को भेज दी गई, जिससे हाईकोर्ट में अपील के बारे फैसला किया जा सके।