सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज एन संतोष हेगड़े का कहना है कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर बेहद निराश हैं। खास बात है कि हेगड़े, केजरीवाल के पुराने साथी रहे हैं। अन्ना हजारे की अगुवाई में हुए ‘India Against Corruption’ में हेगड़े और केजरीवाल दोनों ही शामिल थे।
उनका कहना है कि इससे साफ होता है कि सत्ता में आने पर लालच हावी हो जाता है। केजरीवाल समेत कुछ नेताओं के आप बनाने के बाद हेगड़े अलग हो गए थे।
भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हेगड़े का कहना है, ‘यह साफतौर पर दिखाता है कि जब आप सत्ता में होते हैं, तो लालच हावी हो जाता है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं पूरी तरह से निराश हूं। मुझे लगा था कि आप प्रशासन के स्तर पर निष्पक्षता रखेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।’
उन्होंने कहा, ‘यह तथ्य इस बात का संकेत है कि सत्ता भ्रष्ट कर देती है और पूर्ण सत्ता पूरी तरह से भ्रष्ट कर देती है।’ जब आंदोलन ने आप राजनीतिक दल का रूप ले लिया तब हेगड़े ने अलग होने का फैसला कर लिया था। वह बताते हैं, ‘अलग होने की मुख्य वजह थी कि आज की राजनीति भ्रष्टाचार की गुफा है। कोई भी राजनीतिक दल इससे अछूता नहीं है। India Against Corruption आंदोलन प्रशासन में भ्रष्टाचार के खिलाफ थी।’
AAP से भी नाराज
हेगड़े का कहना है, ‘राजनीति से बाहर रहना और राजनीति को साफ करने की कोशिश करना हमारा सिद्धांत था। लेकिन एक समूह ने तय किया कि राजनीति में जाना चाहिए और उसे साफ करना चाहिए। इस बात पर मुझे कभी भरोसा नहीं था कि ऐसा हो सकता है। मुझे ऐसा लगता है कि आज जो हो रहा है वो इस बात का ही उदाहरण, जिसे मैं सही मानता था।’ उन्होंने बताया कि केजरीवाल ने पार्टी में आने का न्योता दिया था, लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया था।
हेगड़े ने कहा, ‘विपक्षी दलों के ये आरोप कि सत्तारूढ़ दल सिर्फ विपक्ष को खत्म करने के लिए ऐसा कर रही है, मैं इस बात को नहीं मानता। हां, वे चुन चुनकर ऐसा कर रहे हैं, लेकिन यह कोई अपराध नहीं है…।’ उन्होंने कहा, ‘और एक दिन जब वे सत्ता में आएंगे, तो वे भी भाजपा के खिलाफ जाएंगे। अब अंत में क्या पूरी तरह से न्याय मिल पाएगा?… कम से कम 50 फीसदी न्याय हो रहा है।’