सीएम अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) ने दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तीसरी बार ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया है। उन्होंने मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय को एक लिखित जवाब भेजा है।
इसमें उन्होंने केंद्रीय जांच एजेंसी के सामने हाजिर नहीं होने की कई वजहें बताई हैं। उनका कहना है कि आने वाले दिनों में राज्यसभा चुनाव होने हैं, साथ ही 26 जनवरी पर भी कार्यक्रम हैं। उन्होंने ईडी पर उनके सवालों का जवाब नहीं देने का भी आरोप लगाया है। जानें इस मामले में अब केंद्रीय एजेंसी ईडी के पास क्या विकल्प हैं। ईडी क्या-क्या कदम उठा सकती है।
कोर्ट की मदद ले सकती है ईडी
चूंकि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल 3 बार ईडी के समन को इग्नोर कर चुके हैं, ऐसे में ईडी उनका बयान दर्ज करने के लिए कोर्ट से मदद ले सकती है। ईडी कोर्ट से मामले में पूछताछ की सख्त जरूरत बताते हुए गैर जमानती वारंट जारी किए जाने की मांग भी कर सकती है।
केजरीवाल के सामने भी है विकल्प
वहीं केजरीवाल के सामने भी कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का विकल्प है। केजरीवाल ईडी के समन को अदालत में चुनौती दे सकते हैं। केजरीवाल कोर्ट के जरिए ईडी के आरोपों की जानकारी ले सकते हैं। साथ ही अग्रिम जमानत के लिए याचिका भी दायर कर सकते हैं।
हेमंत सोरेन का उदाहरण सामने
सनद रहे झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन भी कथित भूमि घोटाले में हाईकोर्ट से लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटा चुके हैं। इस विकल्प को सीएम केजरीवाल भी अपना सकते हैं। हालांकि सोरेन को अब तक अदालतों से मायूसी ही हाथ लगी है।
ईडी के पास अधिकार
वैसे मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में ईडी के पास तात्कालिक ऐक्शन लेने की पॉवर भी है। ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में छापेमारी कर सकती है। ईडी दबिश भी दे सकता है। यदि माकूल जवाब नहीं मिल रहा है तो गिरफ्तारी भी कर सकती है। दिल्ली शराब घोटाले के मामले में ईडी ऐसा कदम उठा चुकी है।
ईडी के समन पर क्या दिया जवाब?
केजरीवाल ने ईडी को भेजे अपने जवाब में कहा है कि वह राज्यसभा चुनाव और गणतंत्र दिवस की तैयारियों में व्यस्त हैं लेकिन किसी भी प्रश्नावली का जवाब देने के लिए तैयार हैं। ईडी को जो भी दस्तावेज चाहिए बताए, यदि उनके अधिकार क्षेत्र में होगा तो उसे उपलब्ध कराएंगे। उनका यह भी कहना है कि उन्होंने पहले ही एजेंसी से पूछताछ/जांच के इरादे, दायरे, प्रकृति पर स्पष्टीकरण मांगा था लेकिन जवाब नहीं मिला। इससे ऐसा लग रहा है कि ईडी अपारदर्शी और मनमाने ढंग से काम कर रही है। केजरीवाल ने इससे पहले 2 नवंबर और 21 दिसंबर के दो समन पर संघीय एजेंसी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया था।