श्रीरामजन्म भूमि में विराजमान रामलला के निर्माणाधीन दिव्य मंदिर में सुपर स्ट्रक्चर के भूतल का निर्माण पूरा होने के बाद प्रथम तल का निर्माण भी तेज गति से शुरू हो चुका। श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने प्रथम तल पर चल रहे निर्माण की नवीन तस्वीरों को शनिवार को सोशल मीडिया में साझा किया है।
इन साझा तस्वीरों में तीन अलग-अलग कोणों की चार तस्वीरें शामिल हैं जिसे प्रथम तल पर चल रहे निर्माण की तस्वीर बताई है।
इन तस्वीरों में शिवालय के अर्घे की तरह दिख रहा दृश्य भूतल पर स्थित गर्भगृह के ऊपर हो रहे निर्माण का हिस्सा है चूंकि गर्भगृह का निर्माण अष्टकोणीय है इसलिए ऊपरी तल पर भी निर्माण का वास्तु शिल्प भी उसके अनुरूप बनाया जा रहा है। इसके अलावा दो अन्य तस्वीरें गर्भगृह के पीछे परिक्रमा पथ के ऊपर निर्माणाधीन स्तम्भों का है जबकि तीसरी तस्वीर सिंहद्वार के निकट नृत्य मंडप की खुली छत के चतुर्दिक निर्माणाधीन स्तम्भों का है।
राम मंदिर निर्माण की एजेंसी एलएण्डटी के परियोजना निदेशक वीके मेहता बताते हैं कि भूतल का स्ट्रक्चर लगभग पूरा हो गया है। यहां अब फिनिशिंग वर्क के अलावा स्तम्भों पर थ्रीडी म्यूरल पेंटिंग (भित्ति चित्र) का काम चल रहा है।
पिछले दिनों रामसेवकपुरम कार्यशाला में हिन्दुस्तान से संक्षिप्त बातचीत में पीएमओ के पूर्व सलाहकार नृपेन्द्र मिश्र ने कहा कि भगवान की कृपा बहुत बड़ा काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि जैसा कि कमेटी ने देशवासियों से वायदा किया था, उम्मीद है कि उसके मुताबिक दिसम्बर 2023 तक निर्माण पूरा हो जाएगा।श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव ने दावा किया कि निर्माणाधीन राम मंदिर में सम्पूर्ण भारत का प्रतिनिधित्व है। इस निर्माणाधीन मंदिर में देश के हर राज्य का योगदान है। अलग-अलग राज्यों से अलग-अलग सामग्रियां आई है। अलग-अलग राज्यों के कामगार यहां कार्यरत हैं। देश भर की प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों के सर्वश्रेष्ठ इंजीनियरों व वैज्ञानिकों भी अपना योगदान दे रहे हैं।
वहीं, जनवरी में होने वाले श्रीरामजन्मभूमि में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पहले चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था पर मंथन शुरू हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के महानिदेशक शील वर्द्धन सिंह गुरुवार को अयोध्या पहुंचे। उन्होंने जिले के वरिष्ठ सुरक्षा अफसरों के साथ निर्माणाधीन राममंदिर समेत समूचे परिसर में सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण कर आवश्यक जानकारी हासिल की। इसके बाद उन्होंने परिसर में ही अधिकारियों के साथ बैठक कर भविष्य की सुरक्षा योजनाओं पर मंथन किया।
माना जा रहा है कि यूपी पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के लिए एक समग्र रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी है। राममंदिर की सुरक्षा के लिए उसमें कई तरह के सुझाव दिए गए हैं। इसी रिपोर्ट के बाद सीआईएसएफ को सलाहकार एजेंसी के तौर पर केंद्र सरकार ने भेजा है।
इस बैठक में सीआईएसएफ के सुरक्षा विशेषज्ञों की ओर से पूर्व की गई सुरक्षा ऑडिट की रिपोर्ट से सम्बन्धित विषयों एवं भावी सुरक्षा के बारे में दिए गए सुझावों को लेकर भी विचार विमर्श किया गया। आडिट रिपोर्ट में वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था के सापेक्ष राम मंदिर निर्माण के बाद व्यापक सुरक्षा परिवर्तन पर ही विशेष फोकस किया गया था। चूंकि वर्तमान सुरक्षा व्यवस्था अस्थाई मंदिर के लिहाज से है और मंदिर निर्माण के बाद जनवरी 2024 में विराजमान रामलला नए भवन में प्रतिष्ठित हो जाएंगे।
यही नहीं मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के साथ पूरे परिसर को विकसित किया जाएगा। ऐसी दशा में मंदिर के 108 एकड़ परिसर के इधर व आउटर कार्बन को सुरक्षित किया जाना है। डीजी ने आईजी प्रवीण कुमार के साथ विस्तृत रूप से कई बिंदुओं पर चर्चा की।
श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारियों से भी आडिट टीम ने लिया था सुझाव :
सीआईएसएफ के डीजी के दौरे के बाद श्रीरामजन्म भूमि की सुरक्षा व्यवस्था में परिवर्तन की चर्चाओं को बल मिला है। एसपी सुरक्षा पंकज कुमार का कहना है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर सीआईएसएफ को सुरक्षा व्यवस्था की आडिट की जिम्मेदारी दी थी।
उसी के संदर्भ में पहले टीम यहां आई और उसने अपनी विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी थी। उसी संदर्भ में विमर्श किया जा रहा है। उधर ,श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय के मुताबिक आडिट टीम ने सुझाव मांगा था। बैठक में आईजी प्रवीण कुमार व एसएसपी आरके नैय्यर सहित अन्य मौजूद रहे।
एंटी ड्रोन गन्स के साथ विशेष सुरक्षाकर्मी
पूरे अयोध्या पर एक साथ नजर रखने के लिए अत्याधुनिक कमांड सेंटर बनाने की तैयारी भी शुरू हो गई है। ड्रोन हमले से बचने के लिए एंटी ड्रोन गन्स के साथ विशेष सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। इसलिए पूरी सुरक्षा व्यवस्था ऑटोमेटिक फुलप्रूफ करने की योजना है। जिसमें सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कम हो और सुरक्षा ज्यादा हो सके। इसलिए एक कमांड सेंटर से पूरी सुरक्षा व्यवस्था संचालित की जाएगी।
रेड जोन क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था में केंद्रीय सुरक्षा बल की भी तैनाती रहेगी। ड्रोन हमले से बचने के लिए एंटी ड्रोन गन्स सहित सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी होगी। पूरे नगर सहित प्रवेश मार्गों पर एएनआर कैमरे लगाए जाएंगे। जिससे सीमा के अंदर वाहन प्रवेश करने के साथ वाहन स्वामी की पूरी जानकारी कमांड सेंटर के पास होगी।