अमृतपाल सिंह का मुख्य सहयोगी जोगा सिंह गिरफ्तार,
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पंजाब पुलिस ने ‘वारिस पंजाब दे’ प्रमुख अमृतपाल सिंह के मुख्य सहयोगी जोगा सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। जोगा की गिरफ्तारी शनिवार को सरहिंद इलाके से हुई। अमृतसर के DIG बॉर्डर रेंज नरिंदर भार्गव ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया, ‘अमृतसर-ग्रामीण और होशियारपुर पुलिस के ज्वॉइंट ऑपरेशन में अमृतपाल सिंह के एक और साथी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी की पहचान जोगा सिंह के तौर पर हुई है। उसे सरहिंद से गिरफ्तार किया गया। जोगा सिंह 18 से 28 मार्च तक अमृतपाल के साथ रहा। सिंह ही 27 मार्च को अमृतपाल को वापस पंजाब लेकर आया था।’

भार्गव ने कहा कि जोगा सिंह ने अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगी पपलप्रीत सिंह को पीलीभीत में छिपने का ठिकाना मुहैया कराया था और उनके लिए वाहन का भी इंतजाम किया था। अधिकारी ने कहा, ‘जोगा सिंह अमृतपाल सिंह के सीधे संपर्क में था। उसने पीलीभीत में दोनों के ठहरने और उनके लिए वाहन की व्यवस्था की थी। वह उन्हें पंजाब वापस लेकर आया था। आरोपी से पूछताछ की जाएगी और पुलिस उससे मिली जानकारी के आधार पर कार्रवाई करेगी। 28 मार्च को चार लोग- अमृतपाल, पपलप्रीत, जोगा और गुरसंत होशियारपुर में थे। अमृतपाल को छोड़कर अन्य तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है।’

इससे पहले, अमृतपाल सिंह को शरण देने के आरोप में पंजाब में 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान होशियारपुर जिले के बाबक गांव निवासी राजदीप सिंह और जालंधर जिले के रहने वाले सरबजीत सिंह के रूप में की गई है। राजदीप सिंह और सरबजीत सिंह को शुक्रवार रात मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने अमृतपाल सिंह और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ पिछले महीने कार्रवाई शुरू की थी। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल 18 मार्च को जालंधर जिले में पुलिस के जाल से बच निकला था और वह तभी से फरार है।

गुरुवार को भी हुई थी 2 लोगों की गिरफ्तारी
पंजाब के होशियारपुर में फरार अमृतपाल सिंह को आश्रय देने के आरोप में गुरुवार को भी 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। राजपुर भियां गांव के दो भाइयों हरदीप सिंह (22) और कुलदीप सिंह (30) को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। आरोपियों के वकीलों तनहीर सिंह बरियाना और जे. एस. भुट्टा ने इस बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मेहतियाना थाने ने अमृतपाल को शरण देने के लिए पेशे से मजदूर हरदीप और कुलदीप को भारतीय दंड संहिता की धारा 212 (अपराधियों को शरण देना) के तहत गिरफ्तार किया।

पुलिस ने कहा कि 28 मार्च को जब अमृतपाल गांव मरनियां पहुंचकर पुलिस की पकड़ से बच निकला था तो ट्रैक्टर-ट्राली में बालू लाद रहे दोनों भाइयों से मिला था। पुलिस ने कहा कि वे कथित तौर पर अमृतपाल को अपने घर ले गए जहां उन्होंने उसे खाना खिलाया और कपड़े दिए थे। इस बीच, गुरदासपुर जिले के बटाला रेलवे स्टेशन पर पोस्टर चिपकाए गए हैं, जिनमें अलगाववादी अमृतपाल सिंह को वांटेड बताया गया है। पोस्टर में लिखा है, ‘जिस किसी को भी उसके (अमृतपाल) बारे में कोई जानकारी है, वह नीचे दिए गए मोबाइल नंबरों पर साझा कर सकता है। जानकारी देने पर उचित इनाम दिया जाएगा।’

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