अमरमणि त्रिपाठी फिर मुश्किल में, फरार घोषित, अपहरण के 22 साल पुराने केस में कुर्की का आदेश
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एमपी-एमएलए कोर्ट ने बुधवार को अपहरण के 22 साल पुराने मामले में अमरमणि त्रिपाठी को फरार घोषित करते हुए सीआरपीसी-82 के तहत कुर्की का आदेश दिया है। आरोपी अमरमणि की फरारी का इश्तेहार स्थानीय समाचार-पत्रों में प्रकाशित कराने के साथ इसकी प्रति अगली तारीख 16 नवंबर को कोर्ट में पेश करने को कहा है।

कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा किया। इस मामले में अब तक पुलिस की कार्रवाई को लेकर जो दलील दी गई उसमें कहा गया कि अमरमणि की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दी गई। मगर वह पकड़ में नहीं आए। कोर्ट ने इस दलील को खारिज करते हुए पुलिस अधीक्षक बस्ती पर सख्त टिप्पणी की है।

कोर्ट ने पुलिस की कार्य प्रणाली को लेकर पुलिस अधीक्षक पर सख्त टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि उनकी कार्यप्रणाली इस केस में आपत्तिजनक है। गरीब अपराधी के मामले में स्थानीय पुलिस पूरी तत्परता से अपेक्षा से अधिक पैरवी करती है। जबकि प्रभावशाली दुर्दांत अपराधियों के मामले में पुलिस किंकर्तव्यविमूढ़ हो जाती है। पूर्व में 16 अक्टूबर की पूर्व तिथि पर भी अमरमणि को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने का आदेश पारित किया गया था। कोर्ट के आदेश की एक-एक प्रति प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी यूपी को भी भेजने को आदेशित किया गया है।

गौरतलब है कि इस मामले वरिष्ठ जेल अधीक्षक जिला कारागार गोरखपुर से प्राप्त आख्या से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश शासन, कारागार प्रशासन ने अमरमणि को 25 अगस्त को कारागार से रिहा कर दिया है। इसके बावजूद वह तारीख पर कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहे हैं। आरोपी अमरमणि के खिलाफ गैर जमानती वारंट पहले ही जारी किया जा चुका है। पिछली सुनवाई में एसपी बस्ती को स्पेशल टीम बनाकर अमरमणि की गिरफ्तारी का आदेश दिया गया था।

इससे पूर्व 16 सितंबर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि डिप्रेशन के आधार पर अमरमणि को कोर्ट में पेशी से छूट नहीं मिलेगी। इसी मामले में कोर्ट ने दो अन्य फरार आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने के संबंध में कहा था कि पुलिस की अकर्मण्यता के कारण अभी तक अभियुक्तगण फरार हैं। न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रहे हैं। आरोपी शिवम उर्फ रामयज्ञ व नैनीश शर्मा के खिलाफ स्थायी गैर जमानती वारंट जारी है। कोतवाल को दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया गया था।

जानें क्या था पूरा मामला
छह दिसंबर वर्ष 2001 में बस्ती कोतवाली क्षेत्र के गांधीनगर के धर्मराज गुप्ता के बेटे का अपहरण हो गया था। तत्कालीन विधायक अमरमणि त्रिपाठी के लखनऊ स्थित आवास से पुलिस ने धर्मराज के बेटे को बरामद किया था। इस मामले में पूर्व विधायक समेत नौ आरोपित हैं। इनमें पूर्व विधायक अमरमणि त्रिपाठी, नैनीश शर्मा और शिवम उर्फ रामयज्ञ कोर्ट से गैरहाजिर चल रहे हैं। जिससे मुकदमे की कार्यवाही लंबित है।

बीमारी का बहाना बनाकर पेश नहीं हो रहे अमरमणि
अपहरण में अमरमणि त्रिपाठी सहित तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके बाद न्यायालय की ओर से उन्हें लगातार समन भेजा जा रहा है। लेकिन अमरमणि बीमारी का बहाना बनाकर कोर्ट में पेश नहीं हुए। इस वजह से बुधवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ सख्त रुख अपनाया।

सीआरपीसी 82 के बाद हो सकेगी 83 के तहत कुर्की
अपहरण केस में गैर हाजिर दूसरे आरोपियों में नैनीश शर्मा, शिवम उर्फ रामयज्ञ को फरार घोषित करने का आदेश भी पुलिस को दिया है। अब पुलिस को अमरमणि को 16 नवंबर को कोर्ट में पेश करना ही होगा। सीआरपीसी 82 की कार्रवाई के तहत कोतवाली पुलिस अमरमणि के घर पर फरारी का नोटिस चस्पा करेगी। उसके बाद भी अमरमणि सरेंडर नहीं करते तो उनके घर की 83 के तहत कुर्की भी हो सकती है।

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