यदि आप पास के ही एक शहर से किसी दूसरे महानगर में जाकर नौकरी करते हैं तो फिर यह खबर आपके काम की है। वंदे भारत एक्सप्रेस के तौर पर सुपरफास्ट ट्रेनें चला रहा रेलवे अब शहरों में भी कनेक्टिविटी पर फोकस कर रहा है।
इसके तहत रेलवे ने वंदे भारत मेट्रो चलाने का फैसला लिया है। इन ट्रेनों के जरिए 100 किलोमीटर के दायरे में पड़ने वाले अहम शहरों को कनेक्ट किया जाएगा। रेलवे फिलहाल पहली वंदे भारत मेट्रो पर काम कर रहा है, जिसकी शुरुआत अगले साल जनवरी तक हो सकती है। यह ट्रेन ओडिशा में चलेगी। इसके जरिए भुवनेश्वर-पुरी-ओडिशा को कनेक्ट करने की तैयारी है।
रेलवे का मानना है कि इसके जरिए उन लोगों को राहत मिलेगी, जो लंबे वक्त तक जाम में फंसते हैं। हर दिन सुबह और शाम नौकरी पर जाने वाले लोगों को इससे सुविधा होगी और वे बिना जाम में फंसे हुए ऑफिस से आ जा सकेंगे। वंदे भारत मेट्रो को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का ही मिनी वर्जन माना जा रहा है। इन ट्रेनों को चलाने का ऐलान सरकार ने आम बजट में किया था। इन्हें 100 किलोमीटर के दायरे में चलाने की प्लानिंग है। मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नै जैसे शहरों में कनेक्टिविटी एक बड़ी चिंता है। इन शहरों में इनके जरिए लोगों की आवाजाही आसान हो सकेगी।
दिल्ली-एनसीआर की ही बात करें तो आसपास के शहरों से हर दिन लाखों लोग यात्रा करते हैं। यदि इस तरह की वंदे मेट्रो चल जाए तो दूसरे शहरों से आने वाले लोगों को बड़ी राहत होगी। इन ट्रेनों में आधुनिक सुविधाएं भी दी जाएंगे ताकि ऑफिस से लौट रहे लोगों को किसी भी तरह की दिक्कत ना हो। बता दें कि वंदे भारत परियोजना के तहत रेलवे देश भर में 200 वंदे भारत ट्रेनें चलाने जा रहा है। इसके अलावा अगले मार्च तक स्लीपर वंदे भारत भी लॉन्च हो जाएगी। भविष्य में 200 वंदे भारत ट्रेनों और इतनी ही स्लीपर वंदे भारत चलाने की योजना है। अब तक देश भर में कुल 17 वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत हो चुकी है।