भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी राज्यवार रणनीति बना रही है और सीटों पर भी मंथन चल रहा है। वहीं उसके मुकाबले को बने INDIA अलायंस में अभी आपसी मतभेद ही दूर नहीं हो पा रहे हैं।
अब महाराष्ट्र में सीट बंटवारे की चर्चा से पहले ही कांग्रेस और शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट में भिड़ंत शुरू हो गई है। उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने 23 सीटों पर लड़ने का दावा किया है, जिन पर 2019 में उसने उम्मीदवार उतारे थे और 18 पर जीत हासिल की थी। वहीं कांग्रेस का कहना है कि सीटों का बंटवारा मेरिट के आधार पर होना चाहिए। यही नहीं कांग्रेस उद्धव गुट को यह भी याद दिला रही है अब आप टूट गए हैं और शिवसेना के दो खेमे हैं।
उद्धव सेना ने जिन 23 सीटों पर दावा ठोका है, उनमें से ज्यादातर मुंबई क्षेत्र में ही हैं। उसका कहना है कि 2019 में जो जिस सीट पर लड़ा था, वहीं से कैंडिडेट उतारे। इसके जवाब में कांग्रेस का कहना है कि अब तो शिवसेना टूट गई है और पहले से काफी कमजोर है। कांग्रेस कह रही है कि सीटों के बंटवारे में जिताऊ फैक्टर का ध्यान रखा जाए। झंझट में फंसी ऐसी ही एक सीट दक्षिण मुंबई लोकसभा सीट है। यहां से फिलहाल उद्धव गुट के अरविंद सावंत सांसद हैं। कांग्रेस चाहती है कि यहां से उसके नेता मिलिंद देवड़ा उतरें क्योंकि उनके जीतने की अच्छी संभावना है।
कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘देवड़ा के जीतने की अच्छी संभावनाएं हैं। यहां बड़ी संख्या मारवाड़ी, जैन और मुसलमान हैं। सेना का यहां कोई जनाधार नहीं है। यहां से दो चुनाव अरविंद सावंत ने भाजपा के साथ मिलकर जीते थे क्योंकि जैन औऱ मारवाड़ी समुदाय का समर्थन भाजपा के साथ रहा है। अब सेना बंट गई है और भाजपा के साझीदार रहने के तौर पर उसे यहां जो फायदा था, अब नहीं मिलेगा। ऐसे में मिलिंद देवड़ा को ही उतारा जाए।’ कहा जा रहा है कि इस सीट पर पेच इतना फंस गया है कि उद्धव ठाकरे ने भी कांग्रेस से बात की है और यह सीट देने में असमर्थता जताई है।
वहीं कांग्रेस ने उद्धव ठाकरे को सलाह दी है कि वह सावंत को कहीं और से उतार दें। कांग्रेस इसके अलावा मुंबई उत्तर मध्य और मुंबई दक्षिण मध्य सीट पर भी दावा ठोक रही है। उद्धव गुट को मुंबई उत्तर मध्य सीट देने पर कोई आपत्ति नहीं है। यहां से फिलहाल भाजपा की पूनम महाजन सांसद हैं। हालांकि मुंबई दक्षिण मध्य सीट को लेकर मतभेद है। यहां से शिवसेना के राहुल शेवाले सांसद हैं, लेकिन अब वह एकनाथ शिंदे के साथ हैं। अब इसी को आधार बनाते हुए कांग्रेस उद्धव गुट से कह रही है कि आप यहां से जीत नहीं सकते हैं। कांग्रेस का कहना है कि यहां दलितों की अच्छी संख्या है। इसलिए हमारे जीतने के चांस अधिक हैं।
उद्धव गुट के भाजपा संग जाने का भी खतरा, क्यों बोल रहे कांग्रेस नेता
इनके अलावा नवी मुंबई, कल्याण-डोंबिवली, भिवंडी और मीरा भयंदर सीटों को लेकर भी उद्धव गुट दावेदारी कर रहा है। हालांकि कांग्रेस के राज्य नेताओं ने हाईकमान से कहा है कि वह उद्धव गुट को ज्यादा सीटें न दे। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि यदि भाजपा को सीटें कम पड़ीं तो उद्धव गुट उनके साथ जा सकता है। ऐसी स्थिति में उन्हें अधिक सीटें लड़ने के लिए देने का कोई फायदा नहीं है।