शंभू बॉर्डर पर किसान नेताओं ने अपनी आगामी रणनीति को लेकर मीडिया से बात की. भारतीय किसान यूनियन (आजाद) के अध्यक्ष जसविंदर सिंह लोगोंवाल ने कहा कि पंजाब में रेल रोको आंदोलन का ठीक असर दिखा. आगे उन्होंने बताया कि डल्लेवाल की सेहत को लेकर पूरे देश में चिंता का माहौल है. इसके अलावा, संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने आंदोलन को और तेज करने का ऐलान किया है. 30 दिसंबर को पंजाब बंद का आह्वान किया गया है और किसानों ने इसे सफल बनाने के लिए पंजाब के लोगों से भी अपील की है.किसान नेताओं ने केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में यह निर्णय लिया है. किसान नेता तेजवीर सिंह ने कहा कि 30 दिसंबर के पंजाब बंद को सफल बनाने के लिए वे पूरी तरह से तैयार हैं. इसके अलावा, किसान नेताओं ने केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कृषि नीति के ड्राफ्ट का विरोध किया, जिसमें MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का उल्लेख किया गया है, लेकिन यह नीतियों के साथ संतुलित नहीं है. वहीं, रणजोध सिंह के मामले में किसानों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और कहा कि उनके बलिदान के बाद आंदोलन और भी मजबूत होगा.
सुप्रीम कोर्ट की समिति से बातचीत के लिए इनकार
पंजाब सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय में सूचित किया कि खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल और अन्य किसानों के साथ कई बैठकें की गईं, लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति के साथ बातचीत करने से इनकार कर रहे हैं. पंजाब के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह ने ये जानकारी जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ को दी. उनका कहना था कि समिति ने 17 दिसंबर को किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन किसान नेताओं ने समिति से कोई बातचीत नहीं की.
सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति का लिया संज्ञान
महाधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी कहा कि राज्य सरकार हर दिन किसानों को मनाने के प्रयासों में लगी हुई है, लेकिन उनकी मांगों को लेकर बातचीत आगे नहीं बढ़ पा रही है. इस बीच, पंजाब सरकार ने अदालत से अपील की कि किसानों को उनकी मांगों को सीधे अदालत में रखने की अनुमति दी जाए. इस पर न्यायालय ने स्पष्ट किया कि किसानों द्वारा सीधे या उनके प्रतिनिधियों के माध्यम से किए गए किसी भी सुझाव या मांग के लिए अदालत के दरवाजे हमेशा खुले हैं. इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल की स्वास्थ्य स्थिति का भी संज्ञान लिया.