महिला अधिवक्ता समेत तीन लोगों पर सिपाही द्वारा एफआईआर दर्ज कराने के विरोध में मंगलवार को वकीलों ने हापुड़ तहसील चौराहे पर जाम लगा दिया। घंटों चले हंगामे के दौरान पुलिस और अधिवक्ताओं में भिड़ंत हो गई।
पुलिस ने लाठियां फटकार कर जाम खुलवाया। इस दौरान करीब 30 वकील घायल हो गए। पुलिस का कहना है कि जाम के दौरान वकीलों ने सिपाही को पीटा, जिस पर पुलिस ने लाठी फटकारी। आठ सिपाहियों के घायल होने की बात कही जा रही है।
उधर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति ने लाठीचार्ज का आरोप लगाते हुए बुधवार को वेस्ट यूपी में हड़ताल का ऐलान कर दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी हड़ताल का समर्थन किया है। वहीं बार कौंसिल ने आरोपी पुलिस वालों के निलंबन, ट्रांसफर की मांग की है। हापुड़ में पुलिस द्वारा अभद्रता किए जाने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे अधिवक्ताओं पर लाठी चार्ज किए जाने के विरोध में गढ़ के अधिवक्ताओं में रोष फैला। विरोध में प्रदर्शन करते हुए हापुड़ के अधिवक्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस संघर्ष में शामिल रहने का संकल्प लिया गया।
मेरठ में भी वकीलों ने किया प्रदर्शन
मेरठ में वकीलों ने प्रदर्शन करते हुए कचहरी में मौजूद पुलिस वालों को परिसर से बाहर कर दिया। इसके बाद कचेहरी के बाहर जाम लगा कर नारेबाजी की। उधर, हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति ने 30 अगस्त को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में हड़ताल का ऐलान कर दिया है। संघर्ष समिति के चेयरमैन कुंवरपाल शर्मा और संयोजक विनोद कुमार चौधरी ने कहा कि यह निंदनीय है।
वकील-पुलिसकर्मी भी चोटिल हुए
जाम के दौरान वकील किसी आदमी को पीट रहे थे। वहां पहुंचे सिपाही को भी पीटने लगे। फिर सिपाहियों ने लाठी चलाई, जिसमें गिरने से कई वकील घायल हो गए। सिपाही भी घायल हुए हैं।
हल्के में ली चेतावनी
24 घंटे पहले वकीलों द्वारा जाम लगाने के लिए दिए गए अल्टीमेटम के बाद भी पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने हल्के में ले लिया। वकील 11 बजे तहसील चौराहे पर पहुंच गए। गाजियाबाद, मोदीनगर, धौलाना, हापुड़, गढ़ बार के वकील एकत्र हो रहे थे। 24 घंटे पहले दिए गए अल्टीमेटम पर वार्ता होती तो शायद यह बवाल होने से टल सकता था।
यह था मामला
तीन दिन पहले एक महिला अधिवक्ता और सिपाही के बीच विवाद का वीडियो वायरल हुआ था। सिपाही की नेम प्लेट नोचने की बात भी सामने आई थी। पुलिस ने महिला अधिवक्ता और उनके पिता तथा एक अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सिपाही ने महिला अधिवक्ता और तीन अन्य पर अभद्रता तो महिला अधिवक्ता ने सिपाही पर घूरने और अभद्रता का आरोप लगाया था। इस में वकीलों ने बैठक कर पुलिस को मंगलवार तक का समय का दिया था।