यूपी में इंडिया गठबंधन में ऐसा लगता है कि सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। राज्यसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव को निशाने पर लेने वाली सपा विधायक और अपना दल कमेरावादी की नेता पल्लवी पटेल ही नहीं उनकी मां कृष्णा पटेल ने सपा प्रमुख की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
बुधवार को पल्लवी पटेल और कृष्णा पटेल ने पार्टी की वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई और इसके बाद पू्र्वी यूपी की तीन सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारने का ऐलान कर दिया। कृष्णा पटेल ने यह भी कहा कि वह इंडिया गठबंधन में आज भी शामिल हैं। वह गठबंधन में लंबे समय से हैं और हर बैठक में मौजूद रही हैं।
कृष्णा पटेल ने कहा कि हमारी पार्टी अपना दल कमेरावादी यूपी की फूलपुर, मिर्जापुर और कौशांबी में प्रत्याशी उतारेगी। फिलहाल तीनों सीटों पर अभी तक सपा ने भी प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है। मिर्जापुर से कृष्णा पटेल की बड़ी बेटी और अपना दल सोनेलाल की नेता अनुप्रिया पटेल सांसद हैं। सूत्रों की मानें तो पल्लवी पटेल ने पहले भी अखिलेश यादव से फूलपुर लोकसभा सीट पर अपनी मां कृष्णा पटेल को टिकट देने की मांग कर रखी थी। सपा-कांग्रेस के गठबंधन में फूलपुर लोकसभा सीट सपा के खाते में ही आई है। इस सीट पर पार्टी का संगठन भी मजबूत है। सपा यहां से दो बार चुनाव जीत चुकी है। सपा के पास इस सीट पर जिताऊ प्रत्याशियों की भी लंबी लिस्ट है।
कहा जा रहा है कि मिर्जापुर से खुद पल्लवी पटेल अपनी ही बहन अनुप्रिया पटेल के खिलाफ उतरना चाहती हैं। पल्लवी पटेल के पिता सोनेलाल पटेल भी इस सीट से ही चुनाव लड़ते थे, ऐसे में पल्लवी पटेल ने अखिलेश यादव से इस सीट पर चुनाव लड़ने की बात कही है। सूत्रों के मुताबिक इसे लेकर बात भी हुई है। अखिलेश यादव ने मिर्जापुर सीट देने की बात कही लेकिन पल्लवी पटेल फूलपुर सीट चाहती हैं।
कृष्णा पटेल का इस तरह से एकतरफा ऐलान होने से सपा नेताओं की बैचेनी बढ़ गई है। उनका मानना है कि वो यहां सालों से मेहनत कर रहे हैं लेकिन अगर ये सीट कृष्णा पटेल को दे दी गई तो उनका क्या होगा? हालांकि पल्लवी पटेल ने पहले कहा था कि लोकसभा चुनाव तो लड़ेंगी लेकिन उन्होंने मां के लिए टिकट नहीं मांगा है और न ही वो इस दौड़ में शामिल हैं।