अखिलेश का साथ या अकेले हाथ छाप? यूपी कांग्रेस में मतभेद,
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हिन्दी पट्टी के तीन राज्य मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार से उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय की भी बोली बदल गई है। मंगलवार को अजय राय ने अपनी टीम यानी यूपी कांग्रेस कमिटी की पहली मीटिंग बुलाई और इसमें 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस नेताओं को कमर कसकर मैदान में उतरने कहा गया।

पहले सबसे राय ली गई कि कांग्रेस को अकेले लड़ना चाहिए या अखिलेश यादव की सपा के साथ गठबंधन करके लड़ना चाहिए। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि दोनों तरह के विचार वाले बड़ी संख्या में सामने आए जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने सबसे कह दिया कि गठबंधन या सीट बंटवारे का फैसला पार्टी नेतृत्व ही करेगा।

मीटिंग में मौजूद यूपी कांग्रेस के कई अधिकारियों ने इंडिया गठबंधन के बैनर तले चुनाव लड़ने की सलाह दी लेकिन साथ ही ये भी कहा कि पार्टी को सीट सम्मानजनक मिलनी चाहिए। कांग्रेस के अकेले लड़ने की राय रखने वालों का मानना रहा कि ये संसदीय चुनाव है जिसमें कांग्रेस अकेले लड़े तो उसे 2009 की तरह बड़ी संख्या में सीट मिल सकती है। इन नेताओं का कहना था कि 2009 में मुलायम सिंह यादव की तरफ से सीट शेयरिंग के ऑफर को ठुकराकर पार्टी अकेले लड़ी थी जिसके चमत्कारी नतीजे सामने आए। इन नेताओं को लगता है कि 15 साल बाद नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के युग में यूपी में कांग्रेस अकेले लड़कर चौंका सकती है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई कांग्रेस नेताओं ने मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से सीटों का समझौता करने की वकालत की। यह याद दिला दें कि मायावती लगातार कह रही हैं कि बसपा लोकसभा का चुनाव अकेले लड़ेगी और यह उनका अटल फैसला है। पश्चिमी यूपी के जाट नेता जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) जो इंडिया गठबंधन में है, वो भी चाहती है कि बसपा को साथ लाया जाए। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि सपा जब गठबंधन करती है, तो हमेशा बड़ा दिल दिखाती है।

पार्टी नेताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि अब पांच महीने ही बचे हैं इसलिए लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जान लगा देनी है। अजय राय ने कहा कि पार्टी को यूपी में मजबूत करने के लिए परिवर्तन यात्रा निकाली जाएगी जिसमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी जैसे राष्ट्रीय नेताओं को भी शामिल होने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। पहले चरण की यात्रा सहारनपुर के शाकुंभरी देवी मंदिर से नैमिषारण्य तक होगी जो एक महीने लंबी हो सकती है। तारीख तय नहीं हुई है लेकिन दिसंबर के तीसरे सप्ताह या जनवरी के पहले हफ्ते में अजय राय यात्रा पर निकल सकते हैं। सनातन और हिंदुओं के अपमान का आरोप झेल रही कांग्रेस के यूपी के नेताओं ने यात्रा के पहले चरण की शुरुआत और समापन के लिए अपने-अपने इलाके के प्रसिद्ध हिंदू धर्म स्थान को चुना है।

यूपी कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा जब ग्रामीण इलाकों से गुजरेगी तो नारा लगेगा- पांव-पांव, गांव-गांव- और जब यात्रा शहरी क्षेत्रों को पास करेगी तब नारा लगेगा- डगर-डगर, नगर-नगर। अजय राय ने कहा है कि गठबंधन और सीट का फैसला पार्टी नेतृत्व करेगी। वो कांग्रेस को यूपी में मजबूत करने पर फोकस करेंगे जिसके लिए यात्रा निकाली जाएगी। राय ने कहा कि यात्रा के दौरान बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, गन्ना किसानों के मसले उठाए जाएंगे और पर्चा बांटकर केंद्र और राज्य में बीजेपी सरकार के कारनामे बताए जाएंगे।

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