लोकसभा स्पीकर के चुनाव में विपक्ष ने अपना कैंडिडेट उतार दिया है। बुधवार को चुनाव है और उसके लिए INDIA अलायंस के उम्मीदवार के तौर पर के. सुरेश ने नामांकन भी दाखिल कर दिया है। इसके कुछ घंटे बाद ही अलायंस को करारा झटका लगा है।INDIA गठबंधन का हिस्सा रही ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने इस पर अलग रुख अपनाने के संकेत दिए हैं। ममता बनर्जी के सांसद भतीजे अभिषेक ने इस पर अलग स्टैंड लेने के संकेत दिए। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह एकतरफा फैसला है।अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘हमसे इस बारे में कोई संपर्क नहीं किया गया। इसके बारे में कोई चर्चा नहीं की गई। दुर्भाग्य से यह एकतरफा फैसला लिया गया है।’ टीएमसी के इस रुख से विपक्ष के सामने वोटिंग से पहले ही मुश्किल खड़ी हो गई है। नंबरगेम की बात करें तो 240 सीटें अकेले भाजपा के ही पास हैं और अन्य सहयोगी दलों को मिलाकर एनडीए के पास करीब 300 सांसदों का समर्थन है। ऐसे में लोकसभा स्पीकर के चुनाव में ओम बिरला की जीत तय मानी जा रही है। ऐसे में यदि अब टीएमसी ने भी वोटिंग में INDIA अलायंस का साथ नहीं दिया तो उसे करारा झटका लगेगा।एनडीए की तय दिख रही जीत के बाद भी विपक्ष ने के. सुरेश को इसलिए कैंडिडेट बनाया था क्योंकि वह शक्ति प्रदर्शन करना चाहता है। ऐसे में टीएमसी जैसे अहम घटक का अलग राह पकड़ना झटका देने वाला होगा। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में भी टीएमसी और कांग्रेस आमने-सामने थे। दोनों दलों के बीच बहुत ज्यादा तालमेल नहीं बन पाया था। यहां तक कि बीते 5 सालों में कांग्रेस के लोकसभा में नेता रहे अधीर रंजन चौधरी को भी टीएमसी के ही कैंडिडेट आगे हारना पड़ा। उन्हें पूर्व क्रिकेटर युसूफ पठान ने हरा दिया, जो टीएमसी के टिकट पर उतरे थे।