पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कहा कि यह तो विपक्ष इसलिए लाया है ताकि अपनी ताकत आजमा सके। विपक्ष को तो खुद पर ही भरोसा नहीं है। भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने दिल्ली सेवा बिल पारित कराने के लिए राज्यसभा सांसदों को बधाई भी दी।उन्होंने कहा कि विपक्ष तो इस बिल पर संसद में वोटिंग को सेमीफाइनल बता रहा था और उसमें हार गया। पीएम मोदी ने कहा, ‘विपक्ष अविश्वास से भरा है। इसीलिए वह यह प्रस्ताव लाया है। विपक्ष के कुछ सांसद राज्यसभा में वोटिंग को 2024 के लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल बता रहे थे, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।’उन्होंने कहा कि विपक्ष को खुद पर भरोसा नहीं है। वह अपनी ताकत को तौल रहा है। वे देखना चाहते हैं कि कौन हमारे साथ है और कौन नहीं। यह देखने के लिए ही अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपने 2018 के भाषण तो भी याद किया, जब उन्होंने कहा था कि 2023 में भी विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे। उन्होंने विपक्षी गठबंधन को एक बार फिर से घमंडिया बताते हुए कहा कि ये लोग अपनी ही ताकत आजमाने में जुटे हैं। पीएम ने कहा कि विपक्ष के लोग सामाजिक न्याय की बात करते हैं, लेकिन इन लोगों ने खुद करप्शन, वंशवाद और तुष्टिकरण के जरिए समाज के साथ बहुत अन्याय किया है।
भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव को बताया मोदी का अपमान, महाभारत से जोड़ा
संसदीय दल की मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने भी ऐसी ही बात कही। उन्होंने कहा कि हमें तो समझ ही नहीं आ रहा है कि ऐसा प्रस्ताव क्यों लाया गया है, जब हमारे पास बड़ा बहुमत है। साफ है कि वे लोग अपनी ही ताकत को आंकना चाहते हैं। इस बीच संसद में दिलचस्प बहस देखने को मिली है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अविश्वास प्रस्ताव की तुलना द्रौपदी के चीरहरण से की। उन्होंने कहा कि तब द्रौपदी के अपमान को धृतराष्ट्र, द्रोणाचार्य और भीष्म जैसे विद्वान भी चुप बैठे देख रहे थे। इसी का नतीजा हुआ कि सारे साफ हो गए थे। अब भी गरीब के बेटे के साथ ऐसा हो रहा है और इसका नतीजा आएगा कि 2024 में सब साफ हो जाएंगे, हम तो 400 सीटें जीतेंगे।