सेंगोल को बताया गया छड़ी, नहीं हुआ सम्मान; नई संसद के उद्घाटन से पहले मोदी का बड़ा हमला
Sharing Is Caring:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन में सेंगोल को स्थापित करने से पहले अधिनम महंतों का आशीर्वाद लेते हुए संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, ‘तमिल परंपरा में शासन चलाने वाले को सेंगोल दिया जाता था।

सेंगोल इस बात का प्रतीक था कि उसे धारण करने वाले व्यक्ति पर देश के कल्याण की जिम्मेदारी है और वो कभी कर्तव्य के मार्ग से विचलित नहीं होगा।’ उन्होंने कहा कि सेंगोल को वाकिंग स्टिक के रूप में आनंद भवन में रख दिया गया था। आपका ये सेवक और हमारी सरकार अब उस सेंगोल को आनंद भवन से निकाल कर लाई है। आज आजादी के उस प्रथम पल को नए संसद भवन में सेंगोल की स्थापना के समय हमें फिर से पुनर्जीवित करने का मौका मिला है।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम में तमिलनाडु की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारत की आजादी में तमिल लोगों के योगदान को वो महत्व नहीं दिया गया जो दिया जाना चाहिए था। अब भाजपा ने इस विषय को प्रमुखता से उठाना शुरू किया है। उन्होंने कहा, ‘आज मेरे निवास स्थान पर आप सभी के चरण पड़े हैं ये मेरे लिए सौभाग्य का विषय है। मुझे इस बात की भी बहुत खुशी है कि कल नए संसद भवन के लोकार्पण के समय आप सभी वहां आकर आशीर्वाद देने वाले हैं।’

‘सेंगोल के माध्यम से सत्ता हस्तातंरण’
पीएम मोदी ने कहा कि जब आजादी का समय आया तब सत्ता के हस्तांतरण के प्रतीक को लेकर एक प्रश्न उठा था, उस समय राजा जी और आदीनम् के मार्गदर्शन में हमें अपनी प्राचीन तमिल संस्कृति से एक पुण्य मार्ग मिला था। ये मार्ग था- सेंगोल के माध्यम से सत्ता हस्तातंरण का। उन्होंने कहा, ‘जब भारत की आजादी का प्रथम पल आया तब ये सेंगोल ही था जिसने गुलामी से पहले वाले कालखंड और स्वतंत्र भारत के उस पहले पल को आपस में जोड़ दिया था।’

संतों से पीएम मोदी ने लिया आशीर्वाद
प्रधानमंत्री ने नए संसद भवन का उद्घाटन करने से एक दिन पहले शनिवार को अपने आवास पर अधीनम (पुजारियों) से मिले और उनका आशीर्वाद लिया। तमिलनाडु से दिल्ली आए अधीनम ने प्रधानमंत्री मोदी से उनके आवास पर मुलाकात की और मंत्रोच्चारण के बीच उन्हें ‘सेंगोल (राजदंड)’ सहित विशेष उपहार दिए। मोदी ने उनका आशीर्वाद लिया और उनका अभिनंदन किया। PM मोदी रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी सहित करीब 19 विपक्षी दलों ने समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा की है। विपक्षी दलों का तर्क है कि संसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए क्योंकि वह गणराज्य की प्रमुख हैं।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version