सपा के PDA पर भारी पड़ रहा अयोध्या रेप केस; P और A के बीच फंस गए हैं अखिलेश?
Sharing Is Caring:

जिस अयोध्या लोकसभा सीट से अवधेश प्रसाद की जीत को अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी एक ट्रॉफी की तरह पेश कर रही थी, उसी अयोध्या में गैंगरेप केस में सपा के नगर अध्यक्ष मोईद खान की गिरफ्तारी ने राजनीतिक नैरेटिव को बदल दिया है।यूपी की 80 में 37 सीट पर एसपी और 6 सीट पर कांग्रेस की जीत को अखिलेश यादव पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक और अगड़ा) की एकता बता रहे थे। लेकिन अयोध्या के भदरसा में पिछड़ी जाति की एक नाबालिग बच्ची से गैंगरेप में सपा के अल्पसंख्यक नेता के आरोपी बनने से अखिलेश पी और ए के बीच फंसते नजर आ रहे हैं।

सपा ने अब तक मोईद खान पर कोई कार्रवाई नहीं की है तो भारतीय जनता पार्टी को सपा के पीडीए में पी और ए को लेकर अखिलेश के स्टैंड पर सवाल उठाने का मौका मिल गया है। गैंगरेप केस के आरोपियों की डीएनए जांच कराकर दोषियों को सजा देने की मांग सपा का आधिकारिक स्टैंड है। सपा ये भी कह रही है कि कोर्ट इस मामले का संज्ञान लेकर अपनी निगरानी में पीड़िता की सुरक्षा करवाए। सपा भाजपा पर गलत नीयत से इस केस में पार्टी को बदनाम करने और राजनीतिक फायदा उठाने का आरोप लगा रही है। केस में मोईद खान के ठिकानों पर बुलडोजर चलना शुरू हो चुका है। अस्पताल में भर्ती पीड़िता से मिलने भाजपा के मंत्री और नेता पहुंच रहे हैं। संजय निषाद तो मिलकर मीडिया के सामने रोने ही लगे।

लोकसभा चुनाव में यूपी में अकेले एनडीए से ज्यादा सीट जीतकर सपा का आत्मविश्वास 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए हिलोड़े मार रहा था। ऐसे में अयोध्या गैंगरेप केस बीजेपी के जवाबी हमले की नींव बन गई है। लोकसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों के अलावा दलित और पिछड़ों का भी वोट सपा और कांग्रेस को मिला था। भाजपा अब दोगुनी ताकत से पिछड़े वोटों को वापस लाने में जुटी है। ओबीसी नेता केशव प्रसाद मौर्य मुखर होकर सवाल उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि बलात्कारियों को बचाना सपा की फितरत है। अगर बलात्कारी मुसलमान हो तब पूरा का पूरा सैफई परिवार उसे बचाने के लिए खूंटा गाड़ देता है।

विधानसभा चुनाव में अभी दो साल की देरी है लेकिन 10 सीटों के उप-चुनाव से सपा और उसके पीडीए का माहौल मजबूत होगा या बिगड़ेगा, अब इसकी लड़ाई है। उप-चुनाव वाली 10 सीटों में 5 सपा, 3 भाजपा और 2 सहयोगी दलों ने जीती थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही हर सीट पर तीन-तीन मंत्री की ड्यूटी लगा चुके हैं। पार्टी संगठन अलग जुटा हुआ है। भाजपा अयोध्या रेप केस में अखिलेश को इस तरह घेर रही है कि ये मैसेज जाए कि मुसलमान वोट का सवाल आ जाए तो सपा पिछड़ों को छोड़ देती है।

सीएम योगी ने सदन में कहा था कि सपा ने मोईद खान पर कोई कार्रवाई नहीं की है। गोली मारने पर सवाल करते हैं तो क्या ऐसे लोगों को माला पहनाएं। योगी के शब्दों में ही कहें तो अयोध्या गैंगरेप में ‘सद्भावना’ वाले आरोपी हैं। भाजपा के लिए ये एकदम आदर्श राजनीतिक स्थिति है कि पीड़िता पिछड़ी जाति की हिन्दू जबकि आरोपी अल्पसंख्यक है। इस केस को लेकर भाजपा जिस तरह से पिछड़ों की भावना उभार रही है, उसमें 2027 तो दूर की बात है, 10 विधानसभा सीट के उप-चुनाव तक पीडीए को बचाए रखना अखिलेश यादव के लिए चुनौती साबित हो सकता है।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *