राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले सचिन पायलट पर ऐक्शन की अटकलों के बीच उन्हें नुकसान के रुझान दिखने लगे हैं। अब तक कांग्रेस के लोकप्रिय चेहरों में गिने जाते रहे पायलट को पार्टी के ’40 सितारों’ में जगह नहीं दी गई है।
दरअसल, बुधवार को कांग्रेस पार्टी ने कर्नाटक चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची जारी की जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो हैं, लेकिन पायलट को शामिल नहीं किया गया है, जबकि इससे पहले हुए गुजरात चुनाव में पायलट स्टार प्रचारक थे तो हिमाचल में उन्हें पार्टी को जितवाने की जिम्मेदारी भी दी गई थी और इसे वह बखूबी निभा भी पाए। हाल ही में अपनी ही सरकार में अनशन करने वाले पायलट का नाम अब स्टार प्रचारकों की लिस्ट से हटी तो अटकलों का दौर शुरू हो गया है।
कांग्रेस पार्टी की ओर से जारी 40 स्टार प्रचारकों की सूची में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, डीके शिवकुमार, सिद्धारमैया, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सिंह सुरजेवाला, बीके हरिप्रसाद से लेकर मोहम्मद अजरुद्दीन, इमरान प्रतापगढ़ी, कन्हैया कुमार तक शामिल हैं। अशोक गहलोत के अलावा भूपेश बघेल, सुखविंदर सिंह सुक्खू, शशि थरूर और राज बब्बर जैसे नेताओं के नाम भी लिस्ट में दिखते हैं। हालांकि, सचिन पायलट का इसमें कहीं नाम नहीं। पायलट के अलावा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का नाम भी इसमें नहीं है। गुजरात चुनाव के दौरान पायलट और दिग्विजय दोनों का नाम स्टार प्रचारकों की सूची में था। कांग्रेस पार्टी की ओर से अभी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
पायलट को दिया गया संकेत?
सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच खटपट तो पिछले विधानसभा चुनाव के बाद से ही चली आ रही है। लेकिन इस साल के अंत में होने जा रहे चुनाव से पहले दोनों के बीच मनमुटाव चरम पर पहुंचता दिख रहा है। 2020 की बगावत के बाद से ‘सब्र’ करके बैठे रहे पायलट इन दिनों काफी हमलावर हैं। उन्होंने अपनी ही सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा है कि पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच कराने का वादा जनता से किया गया था, लेकिन उनकी सरकार ने ऐसा अभी तक नहीं किया है। पिछले दिनों पायलट ने इसको लेकर जयपुर में अनशन किया तो पार्टी की काफी किरकिरी हुई।. पार्टी नेतृत्व की ओर से इस पर नाराजगी जाहिर की गई। राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने तो इसे पार्टी विरोधी गतिविधि भी करार दिया था। तब से ही पायलट के खिलाफ किसी ऐक्शन की संभावना जाहिर की जा रही है। माना जा रहा है कि स्टार प्रचारकों की लिस्ट से छुट्टी पायलट के लिए संकेत और चेतावनी है।