पिछले 9 महीने से शंभू बार्डर पर डटे किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। किसानों ने आज चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रैंस करके कहा कि वह 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे। किसान नेताओं सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने चेतावनी देते हुए कहा कि वह 26 नवंबर को भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
जिस दिन खनोरी बॉर्डर पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे, उस दिन से सरकार को 10 दिन का समय दिया जाएगा। अगर कोई हल निकला तो ठीक, नहीं तो 6 दिसंबर को दिल्ली कूच करेंगे।
नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में आंदोलन समाप्त करते समय किसानों की मांगों को लिखित रूप से स्वीकार कर लिया था, लेकिन अभी तक मांगों को पूरा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को आवश्यक डीएपी उपलब्ध कराने में भी विफल हो रही है।
ट्रैक्टर-ट्रालियों में नहीं, इस बार पैदल ही जायेंगे
सरवन सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि कोर्ट के आदेशों के बावजूद बार्डर नहीं खोला गया है। वह 9 महीने से चुप बैठे हैं, सरकार ने कोई समाधान नहीं किया है। उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर को शंभू बॉर्डर से किसान एकजुट होकर दिल्ली की ओर पैदल मार्च करेंगे। वह इस बार पैदल ही दिल्ली की ओर कूच करेंगे। इस दौरान किसान ट्रैक्टर और ट्राली लेकर आगे नहीं बढ़ेंगे। पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के किसान संगठनों को दिल्ली कूच की जानकारी दी गई है और जल्द ही किसान संगठन शंभू बॉर्डर पर एकजुट होंगे।पंधेर ने सरकार से मांग की कि उन्हें दिल्ली में प्रदर्शन के लिए जगह दी जाए।
26 नवंबर से भूख हड़ताल शुरू करेंगे डल्लेवाल
सरकार से अपनी मांगें पूरी करवाने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 26 नवंबर से भूख हड़ताल शुरू करेंगे। किसान मजदूर मोर्चा (भारत) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के नेताओं ने किसान भवन चंडीगढ़ में दो दिन पहले यह ऐलान किया था।जगजीत सिंह डल्लेवाल खनौरी सीमा मोर्चे पर आमरण अनशन पर बैठेंगे और अंतिम सांस तक अनशन जारी रखेंगे। यदि अनशन के दौरान डल्लेवाल की जान जाती है, तो इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार जिम्मेदार होगी।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है मामला
फसलों के एमएसपी सहित कई मांगों को लेकर किसानों ने पिछले साल आंदोलन शुरू किया था। अपनी मांगों को लेकर पंजाब के किसान फरवरी में दिल्ली कूच के लिए निकले थे। हरियाणा में उन्हें रोक लिया गया था, तब से किसान शंभू बाॅर्डर पर मोर्चा लगाए बैठे हैं। बॉर्डर बंद होने का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है।