लोकसभा चुनाव से पहले मायावती का ऐक्शन, BSP सांसद दानिश अली सस्पेंड
Sharing Is Caring:

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले बसपा प्रमुख मायावती ने बड़ी कार्रवाई की है। पार्टी विरोधी बयानबाजी के आरोप में अमरोहा सांसद दानिश अली को बसपा से सस्पेंड कर दिया है। मायावती के आदेश के बाद बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने लेटर जारी कर इसकी जानकारी दी।

सतीश चंद्र मिश्र द्वारा दानिश अली को भेजे लेटर में कहा गया है कि आपको कई बार बार मौखिक रूप से कहा गया कि आप पार्टी की नीतियों, विचारधारा एवं अनुशासन के विरूद्ध जाकर कोई भी बयानबाजी व कृत्य आदि न करें, परंतु इसके बाद भी आप लगातार पार्टी के खिलाफ जाकर कृत्य करते आ रहे हैं। इसमें कहा गया, पार्टी के हित में आपको बहुजन समाज पार्टी की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है।

बतादें कि पूर्व पीएम देवगौड़ा जी के अनुरोध पर दानिश अली को बसपा में शामिल किया गया था। उन्हीं के अनुरोध पर ही 2019 के आम चुनाव में दानिश अली को अमरोहा से बसपा ने टिकट दिया था। बसपा की सदस्यता ग्रहण करने के साथ ही दानिश अली को पार्टी के नियम और निर्देशों से भी अवगत कराया गया था, लेकिन इसके बाद दानिश अली लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त चल रहे थे। इसी को देखते हुए बसपा ने शनिवार को दानिश अली को पार्टी से सस्पेंड कर दिया।

कौन हैं दानिश अली? जिन पर बसपा ने की कार्रवाई

अमरोहा से सांसद दानिश अली बसपा में आने से पहले जनता दल सेक्यूलर का हिस्सा थे। दानिश अली को पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा का बेहद करीबी भी बताया जाता है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो दानिश अली को बसपा में लाने वाले एचडी देवगौड़ा ही हैं। 2019 में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमार स्वामी और पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा के आशीर्वाद से ही दानिश अली ने बसपा ज्वाइन की थी। इसके बाद उन्हें बसपा ने अमरोह से टिकट दिया था।

दानिश अली को विरासत में मिली है राजनीति

43 साल के अमरोहा से बसपा सासंद दानिश अली को राजनीति विरासत में मिली है। दानिश अली के दादा कुंवर महमूद अली 1957 में डासना विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे। इसके बाद वह 1977 में हापुड़ लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। उन्होंने जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ा था। जनता दल सेक्यूलर से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले दानिश अली पार्टी में जनरल सेक्रेटरी भी रह चुके हैं। एक समय ऐसा भी था जब दानिश अली कर्नाटक में पार्टी का एक अहम चेहरा बनकर सामने आए थे। उन्होंने कर्नाटक में चुनाव के बाद कांग्रेस और जनता (सेक्यूलर) को मिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

Sharing Is Caring:

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *